अभय ने कहा मुझे हराने के लिए पिछली बार खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐलनाबाद आए थे
-सारांश @ Abhay Singh Chautala
-ऐलनाबाद में किसान सम्मान समारोह में विभिन्न किसान, व्यापारी और मजदूर संगठनों ने किया इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला को सम्मानित किया।
-अभय चौटाला का मंच से बड़ा ऐलान, जेजेपी और बीजेपी नेताओं का गांवों में न घुसने दें।
-मेरे सामने दो विकल्प थे। किसान या फिर कुर्सी। मैंने कुर्सी को छोड़ कर किसान को चुना है। आने वाले उपचुनाव में सत्तासीन दलों को आप सबक सिखाएं- अभय चौटाला
-ऐलनाबाद की अनाज मंडी में उमड़ी भारी भीड़ के बीच अभय चौटाला का बड़ा बयान, कहा आंदोलन कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। किसी किसान को गेहूं फसल काटने में कोई दिक्कत आए तो मुझे फोन करना। मैं उसके खेत में कम्बाइन भेजूंगा। साथ ही वादा किया कि सरकार की गर्दन पर पैर रख कर आपकी गेहूं एमएसपी पर बिकवाऊंगा।
-किसी साथी के खेत की फसल कटाई के लिए खड़ी है तो मैं कटवा दूंगा, उसे निकलवाउंगा और एमएसपी पर बिकवाउंगा- अभय चौटाला
-ऐलनाबाद के उपचुनाव आएगा, ऐलनाबाद का कर्ज मेरे उपर है। आपने मुझे विधानसभा का सदस्य चुना था। देश का प्रधानमंत्री मुझे हराने के लिए आया था, उस समय भी आपने मुझे चुना था। आने वाले उपचुनाव में भी ऐसे लोगों को सबक सिखाना- अभय चौटाला
-इस अवसर पर किसान, मजदूर व व्यापारी कमेटी की तरफ से इनेलो नेता चौ. अभय सिंह चौटाला को किसान केसरी की उपाधि देते हुए पगड़ी भेंट कर सम्मानित किया।
-अभय सिंह को किसानी के प्रतीक हल भेंट कर सम्मानित किया।
-कांग्रेस भी इस बिल को लागू करना चाहती थी परंतु उनके पास बहुमत नहीं था। उस समय कांग्रेस को अनेक छोटी पार्टियों का समर्थन था- अभय चौटाला
-बिल लागू करने पर समर्थन वापस लेने की चेतावनी कोरोना की आड़ में किसानों को लूटने के लिए काम किया- अभय चौटाला
-विधानसभा में इनेलो ने ही कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया। प्रदेश के सभी जिलों में उपायुक्त को ज्ञापन दिये गए- अभय चौटाला
-मैंने उस वक्त में इस्तीफा दिया जब भाजपा आंदोलन को तोड़ने का काम कर रही थी- अभय चौटाला
-26 जनवरी को जब किसान तिरंगा यात्रा निकाल रहा था, केंद्र की सरकार किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। केंद्र सरकार ने किसान आंदोलन को कमजोर करने की साजिशें रची- अभय चौटाला
-2013 में धान का रेट 4500 कुछ था, 2020 में 2200 कर दिया- अभय चौटाला
-पेट्रोल डीजल के दाम सौ रुपये पहुंच गया- अभय चौटाला
-किसानों को आंतकवादी, खालिस्तानी कहा जा रहा है। आंदोलन को 96 दिन पूरे हो गए है परंतु सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं- अभय चौटाला
-कानून बैक डोर से लेकर आएं हैं, वोटिंग से लेकर क्यों नहीं आए- अभय चौटाला
-राष्ट्रीयकरण की बात करेगा, उसका साथ देंगे, निजीकरण को बढ़ावा देने वाले का साथ नहीं देंगे- अभय चौटाला