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Radaur- ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक युवको की जेब पर अब दोहारा भार

ड्राईविंग स्कूल से 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी लेना आवश्यक
सरकार का तर्क है कि दुर्घटनाओ में कमी लाने के लिए यह जरूरी  
पहले जहां ढाई हजार रूपएं में लाइसैंस बनवाने की पूरी प्रक्रिया हो जाती थी
अब उन्हें इस पर 6 से 7 हजार रूपएं अतिरिक्त खर्च करने होगें


City Life Haryanaरादौर:  ड्राईविंग लाइसेंस बनवाने के इच्छुक युवको की जेब पर अब दोहारा भार पडऩे जा रहा है। सरकार की नई पॉलिसी के तहत ड्राईविंग लाईसेंस बनवाने वाले को ड्राईविंग स्कूल से 21 दिन का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी लेना आवश्यक कर दिया गया है। जिसके पीछे सरकार का तर्क है कि दुर्घटनाओ में कमी लाने के लिए यह जरूरी है।

लेकिन लोग इसे जनता पर अतिरिक्त बोझ मान रहे है। उनका कहना है कि जब लाइसेंस बनवाते समय ट्रायल लिया जाता है तो इस प्रकार की शर्त का कोई औचित्य ही नहीं है। जिसको लेकर विपक्षी नेताओ ने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया है।


प्रवीन, विकास, विक्रम, अशोक, नवनीत इत्यादि ने बताया कि उन्हें ड्राईविंग लाईसेंस बनवाना था। लेकिन अब उन्हें पता चला है कि उन्हें इस पर अतिरिक्त खर्च करना होगा। पहले जहां ढाई हजार रूपएं में लाइसैंस बनवाने की पूरी प्रक्रिया हो जाती थी लेकिन अब उन्हें इस पर 6 से 7 हजार रूपएं अतिरिक्त खर्च करने होगें। लाइसेंस बनवाने के लिए उन्हें ड्राईविंग स्कूल से प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी लेना होगा। जिसकी फीस 4 से 5 हजार रूपएं तक मांगी जा रही है। ऐसा करने से आम जनता पर अतिरिक्त बोझ़ बढ़ रहा है।

पहले जो व्यक्ति ढाई हजार रूपएं भी मुश्किल से खर्च कर पाता था अब उसे इसके लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ता था। ड्राईविंग स्कूल से प्रमाण पत्र लेने का कोई औचित्य ही नहीं है। क्योंकि यह तो सीखने वाले पर निर्भर करता है कि वह वाहन चलाने का प्रशिक्षण किसी अपने परिचित से ले या फिर किसी संस्थान से। सरकार की यह नीति ठीक नहीं है। लाइसेंस बनाते समय प्रशासन की ओर से खुद भी ट्रायल लिया जाता था। ऐसे में ड्राईविंग स्कूल से ही प्रशिक्षण लेने की शर्त का कोई औचित्य ही नहीं बैठता। सरकार को अपने इस निर्णय को वापिस लेना चाहिएं।


कांग्रेस विधायक डा. बीएल सैनी का कहना है कि सरकार की नई नई शर्ते लोगो को परेशानी में डाल रही है। यह केवल अपने चेहतो को अतिरिक्त लाभ पहुंचाने का एक जरिया है। इससे लोगो की जेब काटी जाएंगी। एक तरफ तो सरकार लाईसेंस जैसी प्रक्रियाओ को आसान बनाने का दावा कर रही है वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के नियम बनाकर लोगो पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करेगी।

-सुरेन्द्र पाल सिंह, एसडीएम रादौर

सरकार का प्रयास है कि दुर्घटनाओ में कमी लाई जाएं। सही प्रकार से प्रशिक्षण पाने के बाद अगर लाइसेंस बनाया जाएंगा तो उससे दुर्घटनाओ के ग्राफ में कमी आएंगी। जान की कीमत किसी भी प्रकार के खर्चे से अधिक होती है। इसलिए जान को बचाना ज्यादा जरूरी है। 


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