डीएवी कॉलेज में सत्र समाप्ति के उपलक्ष्य में हवन यज्ञ. डीएवी विश्वविद्यालय जालंधर की पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. सुषमा आर्य ने बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शिरकत की. कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री ने छात्राओं को जीवन में आने वाली प्रत्येक परीक्षा की सफलता के लिए शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद दिया। यज्ञ की महत्ता बताते हुए कहा कि यज्ञ अत्यंत पवित्र कार्य है। यज्ञ की आहूतियां राष्ट्र एवं मानव विकास के लिए होती है। इस यज्ञ की अग्नि की लौ की तरह यह महाविद्यालय निरंतर उन्नति की ओर अग्रसर हो। मानव जन्म चार उद्देश्यों के लिए होता है-धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष, परंतु आधुनिक मानव धर्म और मोक्ष को छोडक़र अर्थ और कामनाओं की प्राप्ति के लिए भाग रहा है। शरीर के पालन के साथ-साथ आत्मा की खुराक भी आवश्यक है और इस तरह के यज्ञ अनुष्ठान इसी आवश्यकता की पूर्ति करते हैं।
छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य की
कामना करते हुए उन्होंने स्टाफ को संबोधित करते हुए कहा कि आप वह नारी शक्ति हो, जो संपूर्ण समाज, राष्ट्र एवं संसार में परिवर्तन ला सकती है।
उन्होंने छात्राओं को आने वाली परीक्षाओं में सफलता का आशीर्वाद देते हुए कहा कि
यज्ञ का अनुष्ठान छात्राओं के जीवन की सभी परीक्षाओं में सफलता प्राप्ति हेतू है।
डॉ. सुषमा आर्य ने कहा कि कहा कि धैर्य मानव का सबसे बड़ा गुण है। जिसके बिना सफलता संभव नहीं है। उन्होंने सफलता के कारण बताते हुए कहा कि किसी भी कार्य में सफलता के लिए संकल्प, पूर्व योजना, परिश्रम, धैर्य, प्रार्थना आदि कारण अति आवश्यक है।
डॉ. आभा खेतरपाल
ने कहा कि सभी छात्राएं अच्छे अंकों से पास हो। विद्या की देवी का प्रवाह सभी पर
बना रहे। संपूर्ण महाविद्यालय का उद्देश्य पूर्णत: को प्राप्त हो। इसके उपरांत
शांति पाठ के साथ हवन यज्ञ संपन्न हुआ। संगीत विभागाध्यक्षा डा. नीता द्विवेदी ने
भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस अवसर पर हवन इंचार्ज डॉ.
विश्वप्रभा,
संगीता गोयल व विभाती व अन्य स्टाफ सदस्य
उपस्थित रहें।