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Hathni Kund Barrage- यमुना नदी एक बार फिर उफान पर

“Water is being released from the Hathni Kund Barrage in Haryana. The water discharged from Hathni Kund Barrage normally takes 72 hours to reach the capital” said an official of the irrigation and flood control department.


हथिनी कुंड बैराज NEWS यमुना की लहरे एक बार फिर दहाड़ रही है इनकी गड़गड़ाहट से साफ जाहिर है बारिश के रूप में बरसने वाली आसमानी आफत कभी भी विकराल रूप धारण कर सकती है। गौरतलब है कि हिमाचल उत्तराखंड की पहाड़ियों पर हुई मूसलाधार बरसात के बाद यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है। हथिनी कुंड बैराज पर जलस्तर बढ़कर 1 लाख 59 हजार 757 क्यूसेक पर पहुंच गया है। यह मानसून सीजन का उच्चतम बिंदु है। बाढ़ के कारण बैराज से निकलने वाली पश्चिमी यमुना नहर व यूपी की पूर्वी यमुना नहर की जल आपूर्ति रोक दी गई है। क्योंकि 70 हज़ार क्यूसिक पर मिनी फ्लड अलर्ट कर दिया जाता है

हथनीकुंड से पानी रिलीज होने के बाद अक्सर राजधानी दिल्ली की मुसीबतें बढ़  जाती है, क्योंकि की हथनीकुंड से पानी छोड़ने के बाद अगले 72 घण्टो में वो पानी दिल्ली तक पहुंचता है, और इन दिनों प्रशासन भी पूरे अलर्ट पर रहता है  क्योंकि 70 हज़ार क्यूसिक पर मिनी फ्लड अलर्ट कर दिया जाता है और यमुना से सटे सभी इलाको और निचले इलाकों को ये हिदायत दी जाती है, की कोई भी यमुना के  आसपास के इलाके में न जाये अगर युही जलस्तर बढ़ता रहा तो दिल्ली और यमुना से सटे इलाको में तबाही मचा सकता है

बुधवार सुबह से यमुना नदी के केचमेंट एरिया हिमाचल उत्तराखंड में हुई जोरदार बारिश से यमुना नदी की बाढ़ मानसून सीजन में सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। हथिनी कुंड बैराज पर सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक  सुबह 1 बजे बैराज पर नदी का जल बहाव 19 हजार 852 दर्ज किया गया। सुबह 10 बजे जल बहाव 50 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया। 11 बजे बाढ़ का पानी 64 हजार  835 क्यूसेक तक जा पहुंचा। दोपहर 1 बजे बाढ़ का पानी बढ़कर 1 लाख 59 हजार 757 क्यूसेक  पर पहुंच गया।


सिंचाई विभाग के मुताबिक यह चालू मानसून सीजन का उच्चतम बिंदु बताया गया है। सिंचाई विभाग के एसडीओ धर्मपाल ने बताया कि बाढ़ के पानी के 90000 क्यूसेक हो जाने पर बैराज से निकलने वाली नहरों की जल आपूर्ति रोक दी जाती है। विभाग के मुताबिक उक्त जल बहाव को मिनिमम फ्लड लेवल माना जाता है। एसडीओ ने बताया कि ढाई लाख क्यूसेक बाढ़ के स्तर को हाई ब्लड लेवल माना जाता है। उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे बाढ़ का जलस्तर बढ़ता जाता है। तुरंत सायरन के माध्यम से नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में बचाव के लिए चेतावनी जारी की जाती है। 


गत वर्ष मानसून सीजन में यमुना नदी की बाढ़ का जलस्तर 56 हजार 065 क्यूसेक तक ही पहुंच पाया था। हथिनी कुंड बैराज पर कई बार यमुनानदी खतरे के निशान से ऊपर बही। 16 जून 2013 में यमुना नदी में आई भीषण बाढ़ में जल स्तर 8 लाख 6 हजार 464 क्यूसेक खतरे के निशान तक पहुंच चुका है। 


जिला उपायुक्त गिरीश अरोड़ा ने बताया कि जब पानी 70 हजार क्यूसिक से नीचे होता हैंतो प्रशासन इसे लो-फ्लड मानकर चलता हैं। 70 हज़ार क्यूसिक से 2 लाख 50 हज़ार क्यूसिक तक मीडियम फ्लडऔऱ जब यह आंकड़ा 2 लाख 50 हज़ार क्यूसिक को भी पार कर जाता हैं तो उसे हाई फ्लड की श्रेणी में ऱखा जाता हैं। यमुनानगर जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए अलर्ट जारी कर दिया है।

प्रशासन कितना तैयार

प्रशासन ने फ्लड कंट्रोल रूम किये स्थापित

हेल्पलाइन नंबर भी किया जारी।

बढ़ते जलस्तर को लेकर गांवो में मुनादी भी करवाई जाती है।

व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाये गए है जिनसे की पूरी जानकारी मिलती रहे।

अगर जलस्तर और बढ़ता है तो उसके लिए आर्मी की टीम से भी संपर्क में है

SDRF
की टीम यमुनानगर के बिलासपुर में आ चुकी है वो अलर्ट पर है।

एयरफोर्स के अलावा एनडीआरएफ की टीमों को शार्ट नोटिस पर तैयार रहने के लिए बोला गया हैं

 

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