गड्ढों में ढूंढनी पड़ रही सड़क : बारिश के बाद शहर की जर्जर सड़कें और खतरनाक हो गईं हैं. इन पर चलना खतरे से खाली नहीं है. कई बार दोपहिया वाहन सवार भी जर्जर सड़क पर पानी भरे गड्ढों में फंसकर चोटिल हो जाते हैं. दरअसल, पानी भरने के बाद गड्ढों की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. कई बार पानी के बीच से लोग निकलते हैं तो पहिया गड्ढे में पड़ते ही वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं.
बरसाती पानी
खड़ा रहने से मच्छर भी पनप जाते हैं जिससे बीमारी फैलने का खतरा भी बना रहता है।
लेकिन बार-बार शिकायत के बाद भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। ग्रामीणों
का आरोप है कि कई बार यहां हादसे भी हो चुके हैं लेकिन इसके बाद भी विभाग ने इससे
कोई सबक नहीं लिया। उन्होंने विभाग के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि मामले को
लेकर जल्द से जल्द संबंधित कर्मचारियों को निर्देश दिया जाए। ताकि ग्रामीणों व
राहगीरों की समस्या का समाधान हो सके।
गांव भगवानगढ़
निवासी विनोद राणा,
कुलदीप सिंह, विजय कुमार, सुरेन्द्र सिंह,
ओमप्रकाश, रचनी देवी इत्यादि ने बताया कि करीब 5 वर्ष पहले बने रादौर गुमथला मार्ग की हालत अब
खस्ताहाल हो चुकी है। क्योंकि इस मार्ग से हर दिन सैंकड़ो की संख्या में रेत से
लदे वाहन गुजरते है। भारी वाहनो के कारण जगह जगह से सड़क मार्ग टूट चुका है। जिससे
आए दिन हादसे भी हो रहे है। उनके गांव भगवानगढ़ में सड़क की हालत काफी दयनीय है
खस्ताहाल सड़क अब गड्ढे का रूप ले चुकी है जिसमें बरसात का पानी जमा रहने से
हादसों को न्योता मिल रहा है इतना ही नहीं बरसाती पानी मच्छर पनपने से बीमारियां
फैलने का खतरा बना हुआ है।
सड़क के किनारो
दब जाने से बरसात का पानी वहां पर कई दिनो तक खड़ा रहता जिससे लोगो की दुकानो व
मकानो की दीवारो को भी नुकसान पहुंच रहा है। लेकिन विभाग की ओर से न तो सड़क की
मुरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है और न ही सड़क का नवीनीकरण करवाया जा रहा है। कई
बार क्षेत्र के लोग विभाग के अधिकारियो से इस सड़क की मुरम्मत करवाने की मांग की
चुके है लेकिन अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। जिससे न केवल राहगीरो को
बल्कि स्थानीय लोगो को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होनें मांग की कि
जल्द से जल्द सड़क मार्ग की मुरम्मत करवाई जाए।