टोक्यो में 23 जुलाई से शुरु होंगे ओलंपिक गेम्स, हाकी कोच गुरविंद्र सिंह से उम्मीद ओलंपियन सुरेंद्र कुमार पालड देश के लिए खेल उम्मीदों पर उतरेगा खरा.
ओलंपियन सुरेंद्र
कुमार पालड ने गत देर रात्रि अपने गुरु गुरविंद्र सिंह से अपने प्रर्दशन करने व
देश के मैडल जीतने का आर्शीवाद लिया। इतना ही नहीं ओलंपियन सुरेंद्र कुमार ने
ओलंपिक के चिन्ह के बीच खडे होकर खिंचाई फोटो को भी शेयर किया है। हाकी कोच
गुरङ्क्षवद्र सिंह ने अपने शिष्य सुरेंद्र कुमार को अच्छा प्रर्दशन करने का
आर्शीवाद देते हुए कहा कि टोक्यो में भारतीय हाकी टीम के लिए अच्छा प्रर्दशन करना
ताकि टीम देश के लिए मैडल जीत सके। इतना कहने के बाद और सुनने के बाद ओलंपियन सुरेंद्र
कुमार टोक्यो के लिए रवाना हो गए।
साई प्रभारी एवं
हाकी प्रशिक्षक गुरविन्द्र सिंह ने बातचीत करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय हॉकी
खिलाड़ी सुरेंद कुमार पालड़ ने वर्ष 2004 में हॉकी को हाथ में पकड़ा और हॉकी की
एबीसी सीखना शुरू किया। महज 6 साल में अथक मेहनत
और लगन से हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने मई 2010 में राई में स्कूल नैशनल 19 वर्ष से कम आयु वर्ग की प्रतियोगिता में भाग लिया। अपनी
पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शानदार खेल का प्रदर्शन किया और प्रतियोगिता जीतने
में अहम भूमिका निभाई। इसी प्रदर्शन के बल पर हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ का वर्ष
2011 में जुनियर नैशनल गेम के लिए हरियाणा की
टीम में चयन हुआ। पुणे में हुई इस जूनियर नैशनल हॉकी चैम्पियनशिप में हरियाणा की
तरफ से खेलते हुए सुरेंद्र पालड़ ने शानदार प्रदर्शन किया।
उन्होंने कहा कि
इस प्रतियोगिता को जीतकर हरियाणा ने पिछले 50 सालों के रिकार्ड को तोडऩे में सफलता हासिल की। इस
प्रतियोगिता में शानदार खेल तकनीक के बलबूते पर ही सुरेंद्र कुमार पालड़ को इसी
टूर्नामेंट के दौरान भारतीय हॉकी शिविर के लिए चयनित किया। इस कैम्प में सुरेंद्र
कुमार पालड़ की प्रतिभा में और अधिक निखार आया और 3 से 13 मई 2013 में मलेशिया में हुई जूनियर हॉकी चैम्पियनशिप में सुरेंद्र
कुमार पालड़ ने भारतीय हॉकी टीम की तरफ से खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। इस
टूर्नामेंट में भारत को कांस्य पदक मिला। वर्ष 2012 नवम्बर माह में सुरेंद्र पालड़ का चयन फिर से भारतीय जूनियर
हॉकी टीम में हुआ। इस बार मलेशिया में जौहर कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन
किया और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को दूसरा स्थान मिला। वर्ष 2013 में ही अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी
सुरेंद्र पालड़ ने हॉलैंड व बेलजियम में जूनियर भारतीय हॉकी टीम की तरफ से टेस्ट
सीरिज खेली और इस टेस्ट सीरिज में सुरेंद्र कुमार पालड़ का प्रदर्शन सराहनीय रहा।
उन्होंने बताया कि
अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने एक बार फिर से जूनियर भारतीय हॉकी
टीम की तरफ से मलेशिया में जौहर कप जीतने में अपनी अहम भूमिका निभाई। इस
प्रतियोगिता में सभी देशों की टीमों को बुरी तरह परास्त कर गोल्ड मेडल जीतने में
सफलता हासिल की। इसके बाद सुरेंद्र कुमार पालड़ को 6 से 15 दिसम्बर 2013 को दिल्ली में हुए जूनियर हॉकी वल्र्ड कप में भी खेलने का
मौका मिला। इस प्रतियोगिता में भी सुरेंद्र कुमार पालड़ ने अच्छा प्रदर्शन किया।
अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी सुरेंद्र कुमार पालड़ की प्रतिभा को देखते हुए सीनियर हॉकी
टीम में भी जून 2013 में भारतीय हॉकी टीम का सदस्य बनाया गया।
सीनियर भारतीय हॉकी टीम की तरफ से जापान में हुई एशियन चैम्पियनशिप खेलने का मौका
मिला। इस चैम्पियनशिप में भारतीय टीम ने 5वां स्थान हासिल किया था।
उन्होंने कहा कि
इसके पश्चात सुरेंद्र कुमार पालड़ को हीरो होंडा हॉकी इंडिया लीग के लिए भी दिल्ली
वेव राईडरज की तरफ से चुना गया। यह पहला ऐसा खिलाड़ी है, जिसे दिल्ली वेव राईडर ने लगातार हॉकी
टीम के लिए चुना। दिल्ली वेव राईडर की तरफ से खेलते हुए वर्ष 2013 में सिल्वर पदक, 2014 में स्वर्ण पदक और 2015 में कांस्य पदक हासिल करने में सुरेंद्र
कुमार पालड़ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हॉकी के इस नन्हें से जादूगर की प्रतिभा
को देखते हुए फूड कारपोरेशन आफ इंडिया ने स्पोर्ट कोटे के तहत वर्ष 2013 में नौकरी दी। एफसीआई की तरफ से भी
सुरेंद्र कुमार पालड़ ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग
लिया है।