नई शिक्षा नीति पर हुआ फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन
Report By : Rahul Sahajwani
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : डीएवी गल्र्स कॉलेज के एफडीपी सेल की ओर से नई शिक्षा नीति 2020 और हरियाणा के कॉलेजो पर इसका प्रभाव विषय पर फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय वाणिज्य विभाग के चेयरमैन प्रोफेसर तेजेंद्र शर्मा मुख्य वक्ता रहे। कॉलेज की कार्यवाहक प्रिंसिपल डॉ. आभा खेतरपाल व एफडीपी सेल की कनवीनर डॉ. सुरिद्र कौर ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। नई शिक्षा प्रणाली स्कूल से कॉलेज स्तर तक शिक्षा प्रणाली में कई बदलावा लाएगी। नई शिक्षा नीति युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने मे कारगर सिद्ध होगी। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में अहम रोल अदा करेंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को अच्छे कौशल, तकनीकी ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ तैयार करना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
नई शिक्षा नीति में आधुनिक व प्राचीन ज्ञान की दोनो विधाओं को समाहित करने का प्रयास किया गया है। शिक्षक व विद्यार्थी की बीच की दूरी को मिटाने का प्रयास किया जाएगा। अब शिक्षा, शिक्षक केंद्रित न होकर विद्यार्थी केंद्रित होगी। शिक्षा में रटने की बजाए,अवधारणात्मक समझ पर जोर दिया जाएगा। विद्यार्थी को विषय वस्तु,उसके परिणाम, उसकी सीमाएं बिलकुल स्पष्ट होंगे। शिक्षक को अपनी विषय वस्तु बनाते समय कुछ चीजों का ध्यान रखना होगा, जिसमें विषय वस्तु में कौशल, शिक्षण, ज्ञान, समझ के साथ-साथ सीखने के लिए पर्याप्त सामग्री का उपलब्ध होना शामिल है।
डॉ. आभा खेतरपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परिवर्तनकारी सुधारों का एक वर्ष पूरा हो चुका है। मंत्रालयों और विभागों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विभिन्न वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत डीएवी गल्र्स कॉलेज में फैकल्टी डवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। जिसमें सभी को नई शिक्षा नीति के प्रति जागरूक किया गया। डॉ. सुरिंद्र कौर ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भविष्य में देश के अंदर शिक्षा से संबंधित बुनियादी ढांचे का व्यापक विकास होगा। जिससे विद्यार्थियों और शिक्षाविदें के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होगे। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. सुनीता कौशिक, डॉ. रचना सोनी व डॉ. मीनाक्षी सैनी, नैंसी लखानी, अंशु सूद, हेड क्लर्क गगनदीप व सुपरिडेंट गुलशन नंदा ने सहयोग दिया।