Radaur- न्याय की फरियाद: अधिकारियों का निर्णय मुख्यमंत्री के निर्णय से आखिरकार कैसे बड़ा हो सकता है
city life haryanaAugust 28, 2021
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तानाशाही अधिकारियों की शिकायत वह पार्टी
के पदाधिकारियों व मुख्यमंत्री से करेगी और जिन लोगों का नुकसान अधिकारियों ने
किया है उसकी भरपाई की मांग भी करेगी : रानी सैनी, भाजपा महिला मोर्चा की मीडिया प्रभारी
रादौर NEWS।दो दिन पहले नगर योजनाकार विभाग की कृष्णा कालोनी में की गई
कार्रवाई से लोगों में काफी रोष दिखाई दे रहा है। लोगों का कहना है कि विभाग की यह
कार्रवाई मुख्यमंत्री की उस घोषणा के दो दिन बाद हुई है जिसमें मुख्यमंत्री ने
अवैध कालोनियों को वैध करने की जनहितैषी घोषणा की थी। लेकिन अधिकारियों ने उसके
विपरीत लोगों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। अधिकारियों का निर्णय मुख्यमंत्री
के निर्णय से आखिरकार कैसे बड़ा हो सकता है, यह बात उन्हें समझ नहीं आ रही है। जिसको
लेकर अब वह सीएम विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाएगें और
मामले की जांच करवाने की मांग करेगें।
कर्ज लेकर प्लाट खरीदकर मेहनत मजदूरी कर नींव डाली थी अब छान
बनाकर रहने की तैयारी कर रहा था आत्माराम
रादौर निवासी आत्माराम मजदूरी करता है। सिर पर छत
नहीं है। इसलिए धर्मशाला में बसेरा है। किसी तरह कर्ज लेकर उसने यहां प्लाट खरीदा
था। जिस पर मेहनत मजदूरी कर नींव भी डाल ली थी। अब वह इस प्लाट में छान बनाकर रहने
की तैयारी कर रहा था। लेकिन ऐन मौके पर विभाग ने नींवो को तोड़ डाला। जिसे देखकर
आत्माराम के आंसू निकल आएं। आत्माराम का कहना है कि अब वह इस सोच में है कि पहले
कर्ज चुकाए या फिर विभाग की ओर से खोदी गई नींवों का दोबारा डाले। इसको लेकर वह
चिंता में है।
कालोनी अवैध थी तो रजिस्ट्रिया क्यों हुई इसमें
अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिएं
जोङ्क्षगद्र सिंह ने बताया कि कालोनी अगर अवैध थी तो
उसकी रजिस्ट्री भी नहीं होनी चाहिएं। उन्होंने रजिस्ट्री करवाने के लिए सरकार को
अस्टाम डयूटी दी है। जब इन कालोनियों में प्लाट लेने वाला रजिस्ट्री करवाता है तो
उस समय अधिकारी इस पर रोक क्यों नहीं लगाते। अगर उसी समय रजिस्ट्री रूक जाएं तो
कोई ऐसी कालोनियों में प्लाट नहीं खरीदेगा। इससे लोगों की जमापूंजी भी बच जाएंगी
और विभाग को भी इस प्रकार कार्रवाई नहीं करनी होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब सरकार
को राजस्व देने के बाद भी उन्हें खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। जबकि इसमें बराबर के
दोषी रजिस्ट्री करने वाला अधिकारी भी है। उस पर भी सरकार को कार्रवाई करनी चाहिएं।
बिना नोटिस दिएं हुई कार्रवाई
जगमाल सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से उन्हें कोई
नोटिस नहीं दिएं गएं। अगर केवल क्लोनाईजर को नोटिस देकर विभाग अपनी जिमेंवारी से
बच रहा है तो वह सहीं नहीं है। क्लोनाईजर प्लाट बेचने के बाद उसके मालिक नहीं
होते। विभाग को चाहिएं था कि जिसके नाम प्लाट है उसे नोटिस भेजे जाते। ताकि मामला
उनकी जानकारी में आ जाता और वह अपनी जमापूंजी इस प्लाट पर खर्च करने से रूक जाते
है। लेकिन विभाग ने ऐसा न कर लोगों के साथ गलत व्यवहार किया है।
सरकार कर रही घर देने का वायदा अधिकारी बनने से पहले
ही छीन रहे आशियाने
भाजपा महिला मोर्चा की मीडिया प्रभारी रानी सैनी ने
कहा कि सरकार उन लोगों को घर बनाकर देने का प्रयास कर रही है जिनके सर पर छत नहीं
है। लेकिन अधिकारी उन लोगों के अरमानों पर भी पानी फेर रहे है जो खुद ही मेहनत
मजदूरी कर आशियाना बनाने का प्रयास कर रहे है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने अवैध
कालोनियों को वैध करने की घोषणा की है। लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों ने अपनी
तानाशाही दिखाते हुए सरकार की इस घोषणा को अमल में लाने से पहले ही अपने स्वार्थ
के चलते यह कार्रवाई कर दी। जिसकी शिकायत वह पार्टी के पदाधिकारियों व मुख्यमंत्री
से करेगी और जिन लोगों का नुकसान अधिकारियों ने किया है उसकी भरपाई की मांग भी
करेगी।