Indian wrestler Bajrang Punia on Saturday won the bronze medal after defeating Daulet Niyazbekov of Kazakhstan in the men's freestyle 65kg category. The second seed, who faced a crushing 5-12 defeat to Azerbaijan's Haji Aliyev in the semifinals, redeemed his campaign as he earned India's sixth medal of Tokyo 2020 with a clear 8-0 victory in the bronze medal bout.
सोनीपत में घर पहुंचने पर बजरंग पुनिया का हुआ जोरदार स्वागत
बजरंग की मां ने तिलक लगाकर किया स्वागत
बजरंग ने भी ओलंपिक मेडल को अपनी मां के गले में डाला
अब अगले मुकाबलों की तैयारियों में जुटे का पहलवान बजरंग पुनिया
घर पर पहुंचते ही देसी घी से बने चूरमे को बजरंग को खिलाया
डीजे और ढोल बजाकर मनाई खुशियां
बजरंग के घर पहुंचने पर लोग खुशी से नाचे
आप देख सकते है कि ओलंपिक खेलों से कुस्ती मुकाबलों में ब्रॉन्ज मेडल लेकर सोनीपत में अपने घर पर पहुंचे है जहा इस दौरान उनकी मां ओम प्यारी उनका स्वागत कर रही है ,जिहोने कज़ाकिस्तान के पहलवान को 8-0 से हराकर कुश्ती में यह मेडल जीता है। बजरंग पूनिया रेसलिंग के लगभग हर बड़े इवेंट में मेडल जीतने वाले भारतीय रेसलर हरियाणा के झज्जर जिले के गांव खुड्डन में उनका जन्म 26 फरवरी 1994 को हुआ था , लेकिन वर्ष 2015 से पहलवान का परिवार सोनीपत में रहता है। क्योंकि बजरंग सोनीपत में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल सेंटर में ट्रेनिंग अच्छे से कुस्ती कर पाएं और परिवार के नजदीक रहे। बजरंग पुनिया बताते हैं कि अब वह है आने वाले वक्त में आयोजित होने वाले कुश्ती मुकाबलों के लिए तैयारियां करेगा।
बजरंग ने वर्ष 2013 एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप और वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मेडल्स जीत लिए. फिर साल 2014 में बजरंग ने अपने मेडल्स का रंग बदला. इस बार उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप, तीनों में सिल्वर मेडल अपने नाम किए। फिर बजरंग ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने 2017 की एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. और फिर 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल्स जीते. इसी साल हुई वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता. जबकि अगले साल की वर्ल्ड चैंपियनशिप में उनके नाम ब्रॉन्ज़ मेडल रहा. इनके अलावा भी तमाम इंटरनेशनल मेडल्स जीत चुके बजरंग मौजूदा वक्त में देश के एक अच्छे रेसलर हैं। बजरंग के पिता बलवान सिंह को अपने बेटे पर ओलंपिक में मेडल जीतने पर बेहद खुशी है और उन्हें यह भी विश्वास है कि उनका बेटा आने वाले समय में देश के लिए और भी अच्छा करके दिखाएगा और आगामी ओलंपिक में अपने इस मेडल का रंग भी बदलेगा।
गौरतलब है कि सितंबर 2019 में ओलंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करने वाले बजरंग ने इसी साल
मार्च में हुए मैटेओ पेल्लिकोन रैंकिंग सीरीज टूर्नामेंट में मंगोलिया के तुल्गा
तुमुर ओचिर को हराकर 65kg
की वर्ल्ड
रैंकिंग में टॉप स्पॉट हासिल किया था।