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NEWS Desk- मोदी-नाथन नहीं, स्वामीनाथन…मोदी नाथन की लूट, असल में एमएसपी खत्म करने की साजिश : सुरजेवाला

रणदीप सुरजेवाला 𝐁𝐑𝐄𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆

Congress Chief Spokesperson, Randeep Singh Surjewala

न्यूज़ डेक्स NEWS कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह वृद्धि उपज की लागत में वृद्धि की तुलना में कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि गन्ने के एमएसपी में केवल 𝟏.𝟕𝟓 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि गेहूं के एमएसपी में केवल 𝟏.𝟕𝟓 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। केवल 𝟐 प्रतिशत और अन्य आइटम 𝟏𝟎 प्रतिशत से कम हैं। उन्होंने कहा कि डीजल, कीटनाशकों और फर्टिलाइजर और अन्य वस्तुओं के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। कहा कि  समर्थन मूल्य का वादा, झूठ का पुलिंदा, असल में एमएसपी खत्म करने की साजिश। मोदी-नाथन नहीं, स्वामीनाथन मोदी-नाथन की लूट, समर्थन मूल्य का झूठ।

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि  धरती के भगवान अन्नदाता किसान को लूटने वाली पाखंडी और पापी मोदी सरकार के पाप का घड़ा अब भर गया है। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार किसानों को धोखा देने के लिए ही जन्मी है। मोदी सरकार की अब तक जितनी तथाकथित किसान हितैषी योजनाएं हैं, वो बुनियादी रूप से अपने मुट्ठीभर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने तक सीमित रखी गई हैं। चाहे वो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हो, चाहे 𝟐𝟓,𝟎𝟎𝟎 रु. प्रति हेक्टेयर खेती की अतिरिक्त लागत बढ़ाई गई हो, जमीन हड़पने के अध्यादेश हों या 𝟐𝟎𝟏𝟓 में सुप्रीम कोर्ट में दिया गया शपथपत्र हो, जिसमें कह दिया गया कि अगर लागत का 𝟓𝟎 प्रतिशत ऊपर किसानों को समर्थन मूल्य दिया गया तो बाजार खराब हो जाएगा। मोदी सरकार आज भी अपनी उसी नीति पर काम कर रही है। हाल ही में 𝟐𝟎𝟐𝟐-𝟐𝟑 के रबी फसलों के समर्थन मूल्य की घोषणा भी धोखे की इसी कड़ी का एक हिस्सा है। आइये जानते हैं कि वर्तमान में रबी फसलों का समर्थन मूल्य कितना बढ़ाया गया और लागत व मूल्य आयोग की रिपोर्ट के अनुसार लागत के ऊपर 𝟓𝟎 प्रतिशत दिया जाता, तो किसानों को कितना समर्थन मूल्य मिलता।

Randeep Singh Surjewala, Twitter


उनके मुताबिक, गन्ना- 𝟐𝟖𝟓 से 𝟐𝟗𝟎 रुपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟏.𝟕𝟓प्रतिशत। गेहूं - 𝟏𝟗𝟕𝟓 से 𝟐𝟎𝟏𝟓 रुपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟐 प्रतिशत। सूरजमुखी- 𝟓𝟑𝟐𝟕 से 𝟓𝟒𝟒𝟏 रूपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟐.𝟏𝟒 प्रतिशत।
 उन्होंने कहा, जौ- 𝟏𝟔𝟎𝟎 से 𝟏𝟔𝟑𝟓 रुपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟐.𝟏𝟖 प्रतिशत। चना- 𝟓𝟏𝟎𝟎 से 𝟓𝟐𝟑𝟎 रुपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟐.𝟓𝟓 प्रतिशत। मसूर- 𝟓𝟏𝟎𝟎 से 𝟓𝟓𝟎𝟎 रुपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟕.𝟖𝟓 प्रतिशत। सरसों- 𝟒𝟔𝟓𝟎 से 𝟓𝟎𝟓𝟎 रुपये यानी बढ़त सिर्फ़ 𝟖.𝟔 प्रतिशत।

सुरजेवाला ने दावा किया, "पहले मोदी सरकार ने डीज़ल की क़ीमत में आग लगाई, फिर खाद, कीटनाशक दवाई, खेती के उपकरणों, ट्रैक्टर के दाम बढ़ा जीएसटी लगाई। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार ने किया खेती की लागत मूल्य 25,000 रुपये प्रति हेक्टेयर बढ़ाने का काम, आज सिर्फ़ 2% से 8% की बढ़ोतरी कर एमएसपी का किया काम तमाम ! यानी डालो न के बराबर, किसान की जेब से से निकालो सब कुछ!

गौरतलब है कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने किसानों तो बड़ा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का एमएसपी बढ़ाने का फैसला लिया है। केंद्र ने गेहूं, बार्ले, चना, मसूर, सरसों और सनफ्लावर का एमएसपी बढ़ा दिया गया है। रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाए जाने के बाद किसानों को गेहूं और सरसों पर उपज की लागत का दोगुना रिटर्न मिलेगा। कैबिनेट बैठक के बाद बुधवार को केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने दावा कि गेहूं पर प्रति क्विंटल 40 रुपये और सरसों पर 400 रुपये की बढ़ोतरी से किसानों की आय में बड़ा इजाफा होगा।

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