𝐓𝐡𝐞 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐨𝐫𝐝𝐞𝐫𝐞𝐝 𝐚𝐧 𝐢𝐧𝐯𝐞𝐬𝐭𝐢𝐠𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐀𝐮𝐠𝐮𝐬𝐭 𝟐𝟖 𝐥𝐚𝐭𝐡𝐢𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞 𝐢𝐧𝐜𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐝𝐮𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐚 𝐫𝐞𝐭𝐢𝐫𝐞𝐝 𝐇𝐢𝐠𝐡 𝐂𝐨𝐮𝐫𝐭 𝐣𝐮𝐝𝐠𝐞. 𝐟𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐢𝐧𝐟𝐨𝐫𝐦𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐛𝐞 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐢𝐧 𝐚 𝐦𝐨𝐧𝐭𝐡 : 𝐃𝐞𝐯𝐞𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡, 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐀𝐝𝐝𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐒𝐞𝐜𝐫𝐞𝐭𝐚𝐫𝐲
Two family members of Satish Kajal, the farmer who was allegedly killed in the lathicharge by Karnal police on August 28, will be compensated with jobs at the deputy commissioner (DC) rate on sanctioned posts, informed
समझौते की घोषणा एसीएस देवेन्द्र सिंह, उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस अधीक्षक गंगाराम पुनिया, किसान संगठनों की ओर से गुरनाम सिंह चढूनी व अन्य नेताओं की उपस्थिति में संयुक्त रूप से मीडिया से रूबरू होते हुए की गई। प्रशासन की ओर से एसीएस देवेन्द्र सिंह ने कहा कि आंदोलनकारियों के साथ प्रशासन पिछले 4 दिनों से लगातार एक सौहाद्र्रपूर्ण माहौल में वार्ता करता रहा है, जिसके परिणामस्वरूप आज दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसान हमारे भाई हैं और यह समझौता बड़े सम्मानजनक तरीके से हुआ है।
Following a meeting between the government officials and farm leaders, Haryana government orders a probe into the August 28 Bastara toll incident, which will be done by a retired High Court judge. Probe to be completed in a month. Former Sub-divisional Magistrate (SDM) Ayush Sinha will be on leave," stated the Haryana Additional Chief Secretary.
अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेन्द्र सिंह ने बताया कि किसान संगठनों की मांग थी कि बसताड़ा टोल पर 28 अगस्त को पुलिस लाठीचार्ज की जांच की जाए और मृतक किसान सुशील काजल को उचित मुआवजा दिया जाए। इन मांगों पर प्रशासन व किसान नेताओं के बीच गत दिवस देर सायं 4 दौर की बातचीत हुई जिसमें प्रशासन व किसानों के बीच सहमति बनी। उन्होंने बताया कि लाठीचार्ज प्रकरण की पूरी जांच माननीय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत जज द्वारा करवाने पर सहमति बनी है। यह जांच एक माह में पूरी करवाई जाएगी और इस दौरान तत्कालीन एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे। इसके साथ-साथ मृतक किसान के परिवार के दो सदस्यों को डीसी रेट की सैंक्शन पोस्ट पर एक सप्ताह के अंदर नौकरी दी जाएगी।
Farmer leader Gurnam Singh Charuni said, We had demanded jobs for two members of the family, of the farmer who was allegedly killed in the lathicharge by Karnal police on August 28. as compensation for his death which was accepted by the government. And they will get jobs within one week.
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों व उनकी बातचीत के अनेक दौर हुए और सरकार ने किसानों की मांग मानी है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज प्रकरण की जांच और मृतक किसान के परिजनों को नौकरी देने की मांग मानी गई है। इस बारे सभी संगठनों से बातचीत की गई और सभी ने अपनी सहमति जताई और उन्होंने लघु सचिवालय के सामने चल रहे धरने को समाप्त करने की घोषणा की है जिसका धरने पर बैठे सभी लोगों ने निर्णय का स्वागत किया।
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