शिक्षा विभाग को राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के खातों में किताबों की राशि डालनी है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों के हेड मास्टर को आदेश दिए हैं कि वह तीन दिन में सभी बच्चों के खातों को अपडेट करें। परंतु बैंक प्रबंधकों की मनमर्जी उन पर भारी पड़ रही है। बैंक राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के खाते खोलने से साफ इंकार कर रहे हैं।
रादौर NEWS। गांव गुमथला के सरकारी स्कूल में शिक्षा ले रहे छात्रों के अभिभावकों ने बैंक
अधिकारियों व कर्मचारियों पर उनके बैंक खाते न खोलने का आरोप लगाया है। अभिभावको
का आरोप है कि वह कई दिनों से खाता खुलवाने को लेकर चक्कर लगा रहे है, लेकिन बैंक अधिकारी उनका
बैंक खाता नहीं खोल रहे है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
गुस्साएं अभिभावकों ने बैंक अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और जिला
उपायुक्त से मांग की कि इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करवाया जाएं।
अभिभावक कश्मीरी, जसवंत कौर, बेअंत कौर, परमजीत, दिलशाना इत्यादि ने बताया कि इस वर्ष बच्चों की किताबें व वर्दी के पैसे बैंक खातों में आने है। इसलिएं उन्हें बैंक में अपने बच्चों के खाते खुलवाने थे। जिसको लेकर वह गांव में स्थित पीएनबी बैंक में खाता खुलवाने के लिए कई दिनों से चक्कर लगा रहे है। यह बैंक खाते जीरों बैलेंस पर खुलने है। लेकिन वहां मौजूद अधिकारी व कर्मचारी जीरों बैलेंस पर बैंक खाते खोलने से मना कर देते है। जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बार वह अधिकारियों से गुहार लगा चुके है लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इस बारे प्रबंधक राकेश कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन बंद मिला।
खंड शिक्षा अधिकारी धर्मेद्र सिंह ने बताया कि विभाग के निर्देशानुसार बैंकों में जीरो बैलेंस पर छात्रों के खाते खोले जाने है। इन खातों में ही छात्रों को किताबों व वर्दी के लिए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। कुछ बैंक यह खाते न खोलकर लोगों को परेशान कर रहे है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत करा दिया है। उच्चाधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही इस बारे डीसी से बात कर लोगों की समस्या का समाधान करवाएंगें।
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