श्रीमद भागवत कथा
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं व महिमा पर प्रकाश डाला। भगवान शिव ने भक्तों को कहा कि मेरी भक्ति के बदले भगवान कृष्ण की भक्ति करो, तब मैं अधिक प्रसन्न रहूंगा। भगवान श्रीकृष्ण के भक्ति प्रेम को बताते हुए कहा कि विदु रानी भगवान श्रीकृष्ण को केले के छिलके खिला रही होती हैं और उसके गुदा नीचे गिरा रहती रहती हैं। इस पर भगवान श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि न तो मैं किसी के केले खाता हूं, न ही गुदा। मैं तो भाव का भूखा हूं और अपने भक्त के भाव को देखता हूं। इसीलिए भगवान कृष्ण को सच्चे मन से सुनना चाहिए। भगवान का धाम भी भगवान की सच्ची भक्ति से मिलेगा। भगवान श्रीकृष्ण का भक्त निष्काम होता है, जिसके हृदय में शांति होती है। जिस हृदय में अग्निजल रही है उसमें भगवान नहीं रह सकते।
बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एडवोकेट अजय शांडिल्य की ओर से आयोजित करवाई जा रही श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचक श्रीराम सखा जी महाराज वृंदावन भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान कर रहे है। इस अवसर पर आयोजित हुई कलश यात्रा में 51 महिलाओं ने कलश सिर पर रखकर परिक्रमा की। कलश यात्रा जाटनगर से शुरू होकर स्थानीय दोनों खेड़ों पर, कच्चे व पक्के घाट के अलावा अन्य धार्मिक स्थलों से होती हुई वापिस जाटनगर में समाप्त हुई। कलश यात्रा का स्वागत बैंड बाजों से किया गया।
ये भी पढ़ें: Radaur- स्टेट कराटे चैंपियनशिप में जीते 7 स्वर्ण पदक
YouTube चैनल सब्सक्राइब करें-