फैक्ट्री का लाईसैंस रद्द कर ग्रामीणों को राहत देने की मांग की
सेवा भारती की ओर से वेद कांबोज व प्रदीप चौधरी ने
कहा कि गांव में इस प्रकार ग्रामीणों की सहमति के बिना मीट फैक्ट्री का लगाया जाना
उचित नहीं है। गांव व आसपास के क्षेत्र के लोग धार्मिक प्रवृति के लोग है। अगर यह
फैक्ट्री यहां पर लगाई जाती है तो उनकी धार्मिक भावना आहत होगी। प्रस्तावित
फैक्ट्री की दूरी भी गांव से ज्यादा दूर नहीं है। जिससे गांव में मक्खी व गंदी
बदबू फैलने की पूरी आशंका है। अगर ऐसा होता है तो ग्रामीणों को बिमारियों का सामना
भी करना पड़ेगा। वहीं इस कार्य से पर्यावरण को भी नुकसान होगा। आसपास जिन किसानों
की भूमि लगती है उन्हें भी इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा। इस कार्य के लिए ग्रामीणों
की सहमति जरूरी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बिना देरी के इसका लाइसैंस जारी कर दिया
गया, जो अब ग्रामीणों के
लिए समस्या बन गया है। गांव के लोग किसी भी कीमत पर इसे गांव में नहीं लगने देना
चाहते। इसलिए सरकार व प्रशासन को ग्रामीणों की भावनाओं व उनके आंदोलन को ध्यान में
रखते हुए इस फैक्ट्री का लाईसैंस तुरंत प्रभाव से रद्द कर देना चाहिए। सेवा भारती
के सदस्य ग्रामीणों की इस मुहिम में उनके साथ है और जब तक उनका आंदोलन सफल नहीं हो
जाता सेवा भारती उनके साथ खड़ी रहेगी।
इस अवसर पर जयप्रकाश कांजनू, विनोद सिंगला, आयुष जयपुर, राजपाल मंधार, ज्ञानसिंह, ऋषिपाल, मेहरसिंह जुब्बल, रामकुमार, शिवकुमार, वागिश कांबोज, असलम, ताराचंद, लक्ष्मीचंद, राजेश अलाहर, सुशील, रोशन, राजेश, साहब सिंह, अशोक, मदन, केसरसिंह, बीर सिंह, सुखबीर, मानसिंह, सुबे सिंह, प्रवेश इत्यादि
उपस्थित थे।
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