12 दिसम्बर को जिला मुख्यालयों पर करेंगे हल्ला बोल प्रदर्शन
CITY LIFE HARYANA | यमुनानगर : सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य कमेटी के आह्वान पर केंद्र व राज्य सरकार की कर्मचारी एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ 12 दिसम्बर को जिला मुख्यालयों पर हल्ला बोल प्रदर्शन किये जायेंगे। इसकी तैयारी हेतु दशहरा ग्राउंड में सर्व कर्मचारी संघ व सीटू की संयुक्त जिला स्तरीय कन्वेंशन की गई। जिसकी अध्यक्षता जिला प्रधान महिपाल सौदे, सीटू जिला सचिव शरबती देवी ने व संचालन जिला सचिव गुलशन भारद्वाज ने किया। उन्होंने बताया कि इसी सप्ताह सभी ब्लॉकों में विस्तारित बैठकें की जाएगी और कर्मचारियों के अलग - अलग समूहों को एकजुट करने के लिए जिले में सभी विभागों के कच्चे कर्मचारियों से संपर्क करके उन्हें हैंड बिल भी बांटकर हल्ला बोल कार्यक्रम में बढ़चढ़कर भाग लेने के लिए अपील करेंगे।
मुख्य वक्ता के तौर पर कन्वेंशन में पहुंचे सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य महासचिव सतीश सेठी के इलावा जिला प्रभारी, राज्य प्रेस प्रवक्ता इंद्र सिंह बधाना ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की कर्मचारी व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर जोरदार प्रदर्शन किये जायेंगे। मुख्य माँगो में बर्खास्त कर्मचारियों की सेवा बहाली, सार्वजनिक विभागों का विस्तार करने, सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने,सेवा सुरक्षा,समान काम- समान वेतन व अन्य सुविधाएं, एनपीएस को खत्म कर पुरानी पेंशन बहाली, अग्निशमन विभाग को निकाय विभाग में वापिस मर्ज करने, 25 अगस्त 2014 के मंत्रिमंडल के फेसलेनुसार लिपिक को पे-मैट्रिक्स लेवल 6 में 35400 वेतन व रिटार्यड कर्मियों को पंजाब पैटर्न पर पेंशन, कॉमन कैडर ग्रुप ड़ी कर्मियों का प्रमोशन कोटा बढ़ाने, परियोजना वर्कर आंगनवाड़ी, मिड डे मील , आशा वर्कर, ग्रामीण सफाई कर्मी व व वन मजदुरो को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, वर्कलोड अनुसार नए पद स्वीकृत कर बेरोजगारों को पक्की नोकरी देने, निजीकरण पर रोक लगाते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं सभी को निशुल्क देने,राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, बिजली संशोधन बिल 2021, रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल व नए लेबर कोड रद्द करने आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि इन माँगो बारे विपक्ष को भी अपनी राय स्पष्ट करनी चाहिए और कर्मचारियों की सभी जायज माँगो को विधानसभा में उठाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर शीघ्र ही इन माँगो को नहीं माना तो प्रदेशभर के कर्मचारियों को लामबंद करते हुए आगामी रणनीति बनाकर सरकार के खिलाफ निर्णायक आंदोलन का ऐलान किया जायेगा।
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