𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐄𝐃 𝐚𝐫𝐞 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐚𝐡𝐮𝐥 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐭𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐯𝐞𝐧𝐝𝐞𝐭𝐭𝐚, 𝐛𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝𝐬 𝐟𝐢𝐫𝐦𝐥𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐢𝐭𝐬 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐚𝐡𝐮𝐥 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 .
Highlights
हमारे बुजुर्गों ने आजादी व लोकतंत्र के लिए दी कुर्बानियां, उसे कमजोर नहीं होने देंगे
लोक लाज से ही चलेगा लोकतंत्र, संस्थाओं के दुरुपयोग से होगा कमजोर
फौज में ठेके पर भर्ती ना देशहित में, ना जवानों के हित में और ना ही फौज हित में
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कर रहे हैं अग्निपथ योजना का विरोध
‘जय जवान, जय किसान’ के नारे से ही मिलेगी देश को मजबूती
दिल्ली, डिजिटल डेक्स।। अग्निपथ योजना ना देशहित में है, ना जवानों के हित में और ना ही फौज के हित में। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा आज अग्निपथ योजना और संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित कांग्रेस पार्टी के धरना प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष
के चलते कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ ईडी जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल किया
जा रहा है। लेकिन कांग्रेस अपने नेता राहुल गांधी के साथ मजबूती से खड़ी है।
हुड्डा ने कहा कि जिस आजादी और लोकतंत्र के लिए हमारे बुजुर्गों ने कुर्बानियां दी हैं, उन स्वतंत्रता सेनानियो में मेरे दादा व पिताजी भी शामिल थे, जिन्होंने देश की आजादी के लिए बरसों जेल काटी। देश के लोकतंत्र को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। सरकार को समझना होगा कि लोकतंत्र लोक लाज से चलता है। संस्थाओं का दुरुपयोग करके सरकार देश के लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रही है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अग्निपथ योजना के जरिए सरकार देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। इजराइल जैसे देश से भारत की तुलना नहीं की जा सकती। क्योंकि, वहां जनसंख्या बहुत कम है और लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते। भारत की स्थिति इजराइल से अलग है। भारत का युवा सेना में भर्ती होकर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है। समाज में एक फौजी का अलग सम्मान होता है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के सैनिकों को बेहतर पे-स्केल, पेंशन, मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं, कैंटीन, भत्ते व अन्य सेवाओं का लाभ मिलता है। लेकिन, अग्निवीरों को इन तमाम लाभों से वंचित रखा गया है। 4 साल के बाद उनका भविष्य अंधकार में धकेल दिया जाएगा। इसलिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वो इस योजना का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि, वह खुद सैनिक स्कूल के विद्यार्थी रह चुके हैं। इस नाते से वो आधे फौजी हैं और उनका सेना से जुड़ाव रहा है।
𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐋𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐎𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐁𝐡𝐮𝐩𝐢𝐧𝐝𝐞𝐫 𝐒𝐢𝐧𝐠𝐡 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐡𝐚𝐬 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐀𝐠𝐧𝐞𝐞𝐩𝐚𝐭𝐡 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐢𝐬 𝐧𝐞𝐢𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲, 𝐧𝐨𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐨𝐥𝐝𝐢𝐞𝐫𝐬 𝐧𝐨𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐲.
𝐀𝐝𝐝𝐫𝐞𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐬𝐢𝐭-𝐢𝐧 𝐩𝐫𝐨𝐭𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐫𝐠𝐚𝐧𝐢𝐳𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐲 𝐚𝐭 𝐃𝐞𝐥𝐡𝐢'𝐬 𝐉𝐚𝐧𝐭𝐚𝐫 𝐌𝐚𝐧𝐭𝐚𝐫 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐀𝐠𝐧𝐞𝐞𝐩𝐚𝐭𝐡 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐦𝐢𝐬𝐮𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬, 𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐄𝐃 𝐚𝐫𝐞 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐚𝐡𝐮𝐥 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐭𝐢𝐜𝐚𝐥 𝐯𝐞𝐧𝐝𝐞𝐭𝐭𝐚, 𝐛𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝𝐬 𝐟𝐢𝐫𝐦𝐥𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐢𝐭𝐬 𝐥𝐞𝐚𝐝𝐞𝐫 𝐑𝐚𝐡𝐮𝐥 𝐆𝐚𝐧𝐝𝐡𝐢 .
𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐨𝐮𝐫 𝐞𝐥𝐝𝐞𝐫𝐬 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐬𝐞𝐯𝐞𝐫𝐚𝐥 𝐬𝐚𝐜𝐫𝐢𝐟𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐚𝐧𝐝 𝐝𝐞𝐦𝐨𝐜𝐫𝐚𝐜𝐲. “𝐌𝐲 𝐠𝐫𝐚𝐧𝐝𝐟𝐚𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐚𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐚𝐫𝐞 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐚𝐦𝐨𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐨𝐬𝐞 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐟𝐢𝐠𝐡𝐭𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐡𝐨 𝐬𝐩𝐞𝐧𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐥𝐢𝐯𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐣𝐚𝐢𝐥 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐫𝐞𝐞𝐝𝐨𝐦 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲. 𝐓𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐦𝐨𝐜𝐫𝐚𝐜𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞 𝐚𝐥𝐥𝐨𝐰𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐰𝐞𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐬 𝐭𝐨 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐝𝐞𝐦𝐨𝐜𝐫𝐚𝐜𝐲 𝐢𝐬 𝐫𝐮𝐧 𝐛𝐲 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞’𝐬 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐩𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬. 𝐓𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐭𝐫𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐰𝐞𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐦𝐨𝐜𝐫𝐚𝐜𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐛𝐲 𝐦𝐢𝐬𝐮𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐢𝐭𝐮𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬,” 𝐡𝐞 𝐬𝐚𝐢𝐝.
𝐇𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐢𝐬 𝐩𝐥𝐚𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐞𝐜𝐮𝐫𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐮𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐮𝐠𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐀𝐠𝐧𝐞𝐞𝐩𝐚𝐭𝐡 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞. “𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐜𝐚𝐧𝐧𝐨𝐭 𝐛𝐞 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐚𝐫𝐞𝐝 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐚 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐥𝐢𝐤𝐞 𝐈𝐬𝐫𝐚𝐞𝐥 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐩𝐨𝐩𝐮𝐥𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐢𝐬 𝐯𝐞𝐫𝐲 𝐥𝐞𝐬𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐩𝐞𝐨𝐩𝐥𝐞 𝐝𝐨 𝐧𝐨𝐭 𝐰𝐚𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐣𝐨𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐲. 𝐓𝐡𝐞 𝐬𝐢𝐭𝐮𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐢𝐧 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐢𝐬 𝐝𝐢𝐟𝐟𝐞𝐫𝐞𝐧𝐭 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐨𝐟 𝐈𝐬𝐫𝐚𝐞𝐥. 𝐓𝐡𝐞 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐠𝐫𝐞𝐚𝐭 𝐩𝐫𝐢𝐝𝐞 𝐢𝐧 𝐣𝐨𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐚 𝐬𝐨𝐥𝐝𝐢𝐞𝐫 𝐡𝐚𝐬 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐞𝐭𝐞 𝐫𝐞𝐬𝐩𝐞𝐜𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐨𝐜𝐢𝐞𝐭𝐲,” 𝐡𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝.
𝐓𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐨𝐥𝐝𝐢𝐞𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐠𝐞𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐞𝐧𝐞𝐟𝐢𝐭 𝐨𝐟 𝐛𝐞𝐭𝐭𝐞𝐫 𝐩𝐚𝐲 𝐬𝐜𝐚𝐥𝐞, 𝐩𝐞𝐧𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐟𝐫𝐞𝐞 𝐡𝐞𝐚𝐥𝐭𝐡 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐢𝐜𝐞𝐬, 𝐜𝐚𝐧𝐭𝐞𝐞𝐧, 𝐚𝐥𝐥𝐨𝐰𝐚𝐧𝐜𝐞𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐬𝐞𝐫𝐯𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐛𝐮𝐭 𝐀𝐠𝐧𝐢𝐯𝐞𝐞𝐫𝐬 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐝𝐞𝐧𝐢𝐞𝐝 𝐚𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐞𝐬𝐞 𝐛𝐞𝐧𝐞𝐟𝐢𝐭𝐬. “𝐀𝐟𝐭𝐞𝐫 𝟒 𝐲𝐞𝐚𝐫𝐬 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐟𝐮𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐩𝐮𝐬𝐡𝐞𝐝 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐝𝐚𝐫𝐤𝐧𝐞𝐬𝐬, 𝐚𝐧𝐝, 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞𝐟𝐨𝐫𝐞, 𝐫𝐢𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐛𝐨𝐯𝐞 𝐩𝐚𝐫𝐭𝐲 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐭𝐢𝐜𝐬, 𝐰𝐞 𝐚𝐫𝐞 𝐨𝐩𝐩𝐨𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐩𝐥𝐚𝐧 𝐛𝐞𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞 𝐈 𝐚𝐦 𝐦𝐲𝐬𝐞𝐥𝐟 𝐚 𝐬𝐭𝐮𝐝𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝐒𝐚𝐢𝐧𝐢𝐤 𝐒𝐜𝐡𝐨𝐨𝐥 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐦𝐚𝐤𝐞𝐬 𝐦𝐞 𝐡𝐚𝐥𝐟 𝐚 𝐬𝐨𝐥𝐝𝐢𝐞𝐫 𝐚𝐬 𝐈 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐡𝐚𝐝 𝐚 𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐚𝐬𝐬𝐨𝐜𝐢𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐲,” 𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝.
𝐇𝐨𝐨𝐝𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐚 𝐟𝐚𝐫-𝐫𝐞𝐚𝐜𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐢𝐥𝐢𝐭𝐚𝐫𝐲 𝐫𝐞𝐟𝐨𝐫𝐦 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐨𝐮𝐭 𝐚𝐧𝐲 𝐝𝐞𝐭𝐚𝐢𝐥𝐞𝐝 𝐝𝐢𝐬𝐜𝐮𝐬𝐬𝐢𝐨𝐧, 𝐩𝐢𝐥𝐨𝐭 𝐩𝐫𝐨𝐣𝐞𝐜𝐭 𝐨𝐫 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐟𝐟𝐞𝐜𝐭𝐞𝐝 𝐬𝐞𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧𝐬 𝐢𝐧𝐭𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐟𝐢𝐝𝐞𝐧𝐜𝐞. “𝐓𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐫𝐞𝐧𝐠𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐦𝐲, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐞𝐜𝐮𝐫𝐢𝐭𝐲 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐮𝐭𝐮𝐫𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐲𝐨𝐮𝐭𝐡 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐛𝐞 𝐩𝐫𝐨𝐩𝐞𝐫𝐥𝐲 𝐚𝐬𝐬𝐞𝐬𝐬𝐞𝐝. 𝐓𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐫𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐜𝐚𝐧𝐧𝐨𝐭 𝐩𝐫𝐨𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐛𝐲 𝐢𝐠𝐧𝐨𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐞𝐬𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐣𝐚𝐰𝐚𝐧𝐬 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐚𝐫𝐦𝐞𝐫𝐬. 𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭𝐫𝐲 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐬𝐭𝐫𝐨𝐧𝐠 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐥𝐨𝐠𝐚𝐧 '𝐉𝐚𝐢 𝐉𝐚𝐰𝐚𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐉𝐚𝐢 𝐊𝐢𝐬𝐚𝐧',” 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞𝐝.
हुड्डा ने कहा कि सरकार को बिना किसी विस्तृत चर्चा, पायलट प्रोजेक्ट या प्रभावित वर्गों को विश्वास में लिए एकदम ऐसा मिलिट्री रिफॉर्म नहीं करना चहिए। उसके लिए पहले फौज की मजबूती, देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का उचित आंकलन करना चाहिए। सरकार को समझना चाहिए कि जवानों और किसानों के हितों को नजरअंदाज करके देश आगे नहीं बढ़ सकता। ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे से ही देश मजबूत होगा।


