𝐖𝐡𝐢𝐥𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐫𝐞𝐬𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐚 𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐜𝐨𝐧𝐟𝐞𝐫𝐞𝐧𝐜𝐞 𝐡𝐞𝐥𝐝 𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐭𝐨𝐝𝐚𝐲, 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐚𝐩𝐩𝐥𝐢𝐜𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐟𝐚𝐮𝐥𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐨𝐰𝐞𝐫 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐮𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐢𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐃𝐨𝐦𝐞𝐬𝐭𝐢𝐜, 𝐆𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭, 𝐚𝐧𝐝 𝐨𝐭𝐡𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐡𝐨 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐝𝐮𝐞𝐬 𝐨𝐧 𝐚𝐧𝐝 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐃𝐞𝐜𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫 𝟑𝟏, 𝟐𝟎𝟐𝟏. 𝐁𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐬 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐮𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐡𝐨𝐬𝐞 𝐛𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐢𝐬𝐩𝐮𝐭𝐞 𝐜𝐚𝐬𝐞𝐬 𝐚𝐫𝐞 𝐩𝐞𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐚𝐧𝐲 𝐣𝐮𝐝𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐟𝐨𝐫𝐮𝐦 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐛𝐞 𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐚𝐝𝐯𝐚𝐧𝐭𝐚𝐠𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞, 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐢𝐟 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡𝐝𝐫𝐚𝐰 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐜𝐚𝐬𝐞𝐬.
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बिजली डिफॉल्टर्स उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली सरचार्ज माफी योजना-2022 की घोषणा की, जिसके तहत ऐसी उपभोक्ता अपनी बकाया मूल राशि का भुगतान एकमुश्त या तीन किस्तों में कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना घरेलू, सरकारी, कृषि और अन्य डिफॉल्ट बिजली उपभोक्ताओं पर लागू होगी, जो 31 दिसंबर, 2021 को और उसके बाद भी डिफॉल्टर चल रहे हैं। इसके अलावा, जिन उपभोक्ताओं के बिल विवाद के मामले किसी भी न्यायिक फोरम में चल रहे हैं, यदि वे मामला वापिस ले लेते हैं तो वे भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि यह योजना केवल तीन महीने की अवधि के लिए लागू होगी।
मुख्यमंत्री ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए योजना के लाभों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि ऐसे सभी उपभोक्ता अपनी बकाया मूल राशि का भुगतान एकमुश्त या तीन किस्तों में कर सकेंगे। यदि ऐसे उपभोक्ता अपनी मूल राशि का भुगतान एकमुश्त करते हैं तो उन्हें मूल राशि पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त डिस्काउंट दिया जाएगा। फ्रीज किए गए सरचार्ज की माफी 6 बिलों के नियमित भुगतान के साथ किस्तों में की जाएगी।
𝐒𝐡𝐚𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐭𝐚𝐢𝐥𝐬 𝐚𝐛𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐜𝐡𝐞𝐦𝐞'𝐬 𝐛𝐞𝐧𝐞𝐟𝐢𝐭𝐬 𝐟𝐨𝐫 𝐝𝐨𝐦𝐞𝐬𝐭𝐢𝐜 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐮𝐦𝐞𝐫𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐡𝐢𝐞𝐟 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐚𝐥𝐥 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐮𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐚𝐛𝐥𝐞 𝐭𝐨 𝐩𝐚𝐲 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐨𝐮𝐭𝐬𝐭𝐚𝐧𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐫𝐢𝐧𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐚𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐥𝐮𝐦𝐩 𝐬𝐮𝐦 𝐨𝐫 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐫𝐞𝐞 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐚𝐥𝐥𝐦𝐞𝐧𝐭𝐬. 𝐅𝐮𝐫𝐭𝐡𝐞𝐫 𝐚 𝟓 𝐩𝐞𝐫𝐜𝐞𝐧𝐭 𝐝𝐢𝐬𝐜𝐨𝐮𝐧𝐭 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐠𝐢𝐯𝐞𝐧 𝐭𝐨 𝐬𝐮𝐜𝐡 𝐜𝐨𝐧𝐬𝐮𝐦𝐞𝐫𝐬 𝐩𝐫𝐨𝐯𝐢𝐝𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐧𝐭𝐢𝐫𝐞 𝐩𝐫𝐢𝐧𝐜𝐢𝐩𝐚𝐥 𝐚𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭 𝐢𝐧 𝐨𝐧𝐞 𝐠𝐨. “𝐖𝐚𝐢𝐯𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐟𝐫𝐨𝐳𝐞𝐧 𝐬𝐮𝐫𝐜𝐡𝐚𝐫𝐠𝐞 𝐰𝐢𝐥𝐥 𝐛𝐞 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐢𝐧 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐚𝐥𝐥𝐦𝐞𝐧𝐭𝐬 𝐚𝐥𝐨𝐧𝐠 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐫𝐞𝐠𝐮𝐥𝐚𝐫 𝐩𝐚𝐲𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐨𝐟 𝟔 𝐛𝐢𝐥𝐥𝐬,”
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी बिजली कनेक्शभन सहित सभी अन्य उपभोक्ता वर्गों के लिए विलंब भुगतान सरचार्ज की 10 प्रतिशत वार्षिक की साधारण दर से पुनः गणना की जाएगी, जबकि वर्तमान में यह गणना 1.5 प्रतिशत मासिक की दर से की जाती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी. उमाशंकर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।
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