𝐌𝐞𝐦𝐛𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐂𝐨𝐧𝐠𝐫𝐞𝐬𝐬 𝐖𝐨𝐫𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐂𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐔𝐧𝐢𝐨𝐧 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧𝐚𝐥 𝐆𝐫𝐞𝐞𝐧 𝐓𝐫𝐢𝐛𝐮𝐧𝐚𝐥 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐢𝐧𝐞 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐨𝐟 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦, 𝐢𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐛𝐞𝐜𝐨𝐦𝐞 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐧𝐨𝐭𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐜𝐜𝐨𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐭𝐨 𝐫𝐮𝐥𝐞𝐬 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦. 𝐈𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐡𝐞𝐚𝐯𝐢𝐥𝐲 𝐝𝐚𝐦𝐚𝐠𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐫𝐨𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐀𝐥𝐥 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐮𝐭𝐮𝐚𝐥 𝐜𝐨𝐧𝐧𝐢𝐯𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐍𝐨𝐰 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐧𝐢𝐭𝐨𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐆𝐓, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐚𝐰𝐚𝐫𝐝 𝐬𝐭𝐫𝐢𝐜𝐭 𝐩𝐮𝐧𝐢𝐬𝐡𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐮𝐥𝐩𝐫𝐢𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐨𝐬𝐞 𝐰𝐡𝐨 𝐥𝐨𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐥𝐢𝐯𝐞𝐬 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐚𝐥𝐥 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭𝐚𝐢𝐧.
चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा डाडम के ठेकेदारों पर जुर्माना लगाने से साफ है कि यहां कुछ भी नियमों के अनुसार नहीं था।
डाडम में जमकर अवैध खनन किया गया व खनन माफिया ने जमकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया। यह सब खनन माफिया व प्रदेश सरकार की आपसी मिलीभगत के कारण ही चलता रहा। अब एनजीटी की निगरानी समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार को पहाड़ गिरने से जान गंवाने वालों के गुनहगारों को कड़ी सजा दिलानी चाहिए।
𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐚𝐧𝐲 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐚𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧𝐬 𝐚𝐭 𝐚 𝐭𝐢𝐦𝐞 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐩𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭𝐚𝐢𝐧 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦. 𝐅𝐚𝐫 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐚𝐧𝐲 𝐛𝐢𝐠 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐜𝐚𝐫𝐫𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐮𝐭 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐩𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐫𝐨𝐠𝐚𝐭𝐞𝐝. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐫𝐚𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐬𝐩𝐢𝐫𝐢𝐭𝐬 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐦𝐨𝐫𝐞. 𝐍𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭, 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐆𝐓 𝐡𝐚𝐝 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐟𝐢𝐧𝐞 𝐨𝐧 𝐭𝐰𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬, 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐢𝐭 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐧𝐨𝐭𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦. 𝐓𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐔𝐧𝐢𝐨𝐧 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐚𝐥𝐥𝐢𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐮𝐧𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐧 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐜𝐥𝐚𝐫𝐞𝐝 𝐚𝐥𝐥𝐢𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚. 𝐓𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐬 𝐰𝐡𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐯𝐨𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐫𝐚𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐛𝐞 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬𝐞𝐝. 𝐖𝐡𝐞𝐧𝐞𝐯𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐰𝐚𝐬 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐭, 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐞𝐚𝐝 𝐨𝐟 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐧 𝐢𝐭, 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐰𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐫𝐚𝐬𝐡. 𝐃𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐩𝐢𝐫𝐢𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐫𝐢𝐬𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭𝐚𝐢𝐧, 𝐬𝐡𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝.
कुमारी सैलजा ने कहा कि डाडम में पहाड़ दरकने से एक साथ 5 लोगों की मौत के बाद भी प्रदेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। खनन का खेल ऑपरेट करने वाले किसी भी बड़े व्यक्ति की गिरफ्तारी तो दूर, उनसे पूछताछ तक नहीं हुई। इससे इनके हौंसले और अधिक बुलंद हो गए।
𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐡𝐚𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐚𝐧𝐲 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐚𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧𝐬 𝐚𝐭 𝐚 𝐭𝐢𝐦𝐞 𝐝𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐩𝐬𝐞 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭𝐚𝐢𝐧 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦. 𝐅𝐚𝐫 𝐟𝐫𝐨𝐦 𝐭𝐡𝐞 𝐚𝐫𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐨𝐟 𝐚𝐧𝐲 𝐛𝐢𝐠 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧 𝐜𝐚𝐫𝐫𝐲𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐮𝐭 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐨𝐩𝐞𝐫𝐚𝐭𝐢𝐨𝐧, 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐰𝐞𝐫𝐞 𝐧𝐨𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐢𝐧𝐭𝐞𝐫𝐫𝐨𝐠𝐚𝐭𝐞𝐝. 𝐓𝐡𝐢𝐬 𝐫𝐚𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐬𝐩𝐢𝐫𝐢𝐭𝐬 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐦𝐨𝐫𝐞. 𝐍𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭, 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐰𝐡𝐢𝐜𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐆𝐓 𝐡𝐚𝐝 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐟𝐢𝐧𝐞 𝐨𝐧 𝐭𝐰𝐨 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬, 𝐦𝐚𝐝𝐞 𝐢𝐭 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐧𝐨𝐭𝐡𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐢𝐠𝐡𝐭 𝐢𝐧 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦. 𝐓𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐔𝐧𝐢𝐨𝐧 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐁𝐉𝐏-𝐉𝐉𝐏 𝐚𝐥𝐥𝐢𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐫𝐮𝐧𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐧 𝐮𝐧𝐝𝐞𝐜𝐥𝐚𝐫𝐞𝐝 𝐚𝐥𝐥𝐢𝐚𝐧𝐜𝐞 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚. 𝐓𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐬 𝐰𝐡𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐯𝐨𝐢𝐜𝐞𝐬 𝐫𝐚𝐢𝐬𝐞𝐝 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐛𝐞 𝐬𝐮𝐩𝐩𝐫𝐞𝐬𝐬𝐞𝐝. 𝐖𝐡𝐞𝐧𝐞𝐯𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞𝐫𝐞 𝐰𝐚𝐬 𝐚 𝐜𝐨𝐦𝐩𝐥𝐚𝐢𝐧𝐭, 𝐢𝐧𝐬𝐭𝐞𝐚𝐝 𝐨𝐟 𝐭𝐚𝐤𝐢𝐧𝐠 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐨𝐧 𝐢𝐭, 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐭𝐡𝐫𝐨𝐰𝐧 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐭𝐫𝐚𝐬𝐡. 𝐃𝐮𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐢𝐬, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐩𝐢𝐫𝐢𝐭𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐭𝐨 𝐫𝐢𝐬𝐞 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞𝐲 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐮𝐧𝐭𝐚𝐢𝐧, 𝐬𝐡𝐞 𝐚𝐝𝐝𝐞𝐝.
कुमारी सैलजा ने कहा कि डाडम में पहाड़ दरकने से एक साथ 5 लोगों की मौत के बाद भी प्रदेश सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। खनन का खेल ऑपरेट करने वाले किसी भी बड़े व्यक्ति की गिरफ्तारी तो दूर, उनसे पूछताछ तक नहीं हुई। इससे इनके हौंसले और अधिक बुलंद हो गए।
अब एनजीटी ने जिस रिपोर्ट के आधार पर दो ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया है, उससे साफ है कि डाडम में कुछ भी ठीक नहीं था। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का खनन माफिया के साथ अघोषित गठबंधन चल रहा है।
इसलिए ही खनन माफिया के खिलाफ उठी आवाजों को दबा दिया जाता रहा। जब भी कोई शिकायत हुई, उस पर कार्रवाई करने की बजाए रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। इससे खनन माफिया के हौसले और अधिक बुलंद होते रहे व पहाड़ में मनमर्जी से खनन करते रहे।
𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐬𝐮𝐛𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐧𝐢𝐭𝐨𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐨𝐟 𝐍𝐆𝐓 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦, 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫𝐥𝐲 𝐦𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐝𝐨𝐧𝐞. 𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐝𝐚𝐦𝐚𝐠𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐫𝐨𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐁𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐚𝐫𝐞𝐚, 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐈𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐨𝐮𝐭𝐬𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐮𝐥𝐚𝐭𝐞 𝐚𝐧𝐲 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲. 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐜𝐚𝐫𝐫𝐢𝐞𝐝 𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐨 𝐚 𝐠𝐫𝐞𝐚𝐭𝐞𝐫 𝐝𝐞𝐩𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐚𝐧 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐨𝐯𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐓𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐔𝐧𝐢𝐨𝐧 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐚𝐬 𝐩𝐨𝐬𝐬𝐢𝐛𝐥𝐞 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐡𝐞𝐥𝐭𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐓𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐬 𝐰𝐡𝐲 𝐭𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐚𝐭𝐞 𝐧𝐨 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐡𝐚𝐝 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐚𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧𝐬. 𝐍𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐆𝐓 𝐡𝐚𝐝 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐟𝐢𝐧𝐞, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭, 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚.
कुमारी सैलजा ने कहा कि डाडम को लेकर एनजीटी की निगरानी समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें साफ लिखा है कि अवैध खनन किया गया। ठेकेदारों ने पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचाया। चिन्हित जगह से अलग जंगल के एरिया में भी खनन किया गया।
𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭 𝐬𝐮𝐛𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐨𝐧𝐢𝐭𝐨𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐦𝐦𝐢𝐭𝐭𝐞𝐞 𝐨𝐟 𝐍𝐆𝐓 𝐫𝐞𝐠𝐚𝐫𝐝𝐢𝐧𝐠 𝐃𝐚𝐝𝐚𝐦, 𝐢𝐭 𝐰𝐚𝐬 𝐜𝐥𝐞𝐚𝐫𝐥𝐲 𝐦𝐞𝐧𝐭𝐢𝐨𝐧𝐞𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐝𝐨𝐧𝐞. 𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐜𝐚𝐮𝐬𝐞𝐝 𝐝𝐚𝐦𝐚𝐠𝐞 𝐭𝐨 𝐭𝐡𝐞 𝐞𝐧𝐯𝐢𝐫𝐨𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐁𝐞𝐬𝐢𝐝𝐞𝐬 𝐭𝐡𝐞 𝐢𝐝𝐞𝐧𝐭𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐚𝐫𝐞𝐚, 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐝𝐨𝐧𝐞 𝐢𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐞𝐬𝐭 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐈𝐥𝐥𝐞𝐠𝐚𝐥 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐢𝐧𝐮𝐞𝐝 𝐨𝐮𝐭𝐬𝐢𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞 𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐚𝐫𝐞𝐚. 𝐓𝐡𝐞 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫 𝐝𝐢𝐝 𝐧𝐨𝐭 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐮𝐥𝐚𝐭𝐞 𝐚𝐧𝐲 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐩𝐨𝐥𝐢𝐜𝐲. 𝐌𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐰𝐚𝐬 𝐜𝐚𝐫𝐫𝐢𝐞𝐝 𝐨𝐮𝐭 𝐭𝐨 𝐚 𝐠𝐫𝐞𝐚𝐭𝐞𝐫 𝐝𝐞𝐩𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐚𝐧 𝐰𝐚𝐬 𝐚𝐩𝐩𝐫𝐨𝐯𝐞𝐝 𝐛𝐲 𝐭𝐡𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐓𝐡𝐞 𝐟𝐨𝐫𝐦𝐞𝐫 𝐔𝐧𝐢𝐨𝐧 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐬𝐭𝐞𝐫 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐰𝐚𝐬 𝐩𝐨𝐬𝐬𝐢𝐛𝐥𝐞 𝐨𝐧𝐥𝐲 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐡𝐞𝐥𝐭𝐞𝐫 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭. 𝐓𝐡𝐚𝐭 𝐢𝐬 𝐰𝐡𝐲 𝐭𝐢𝐥𝐥 𝐝𝐚𝐭𝐞 𝐧𝐨 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐡𝐚𝐝 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐭𝐚𝐤𝐞𝐧 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐦𝐚𝐟𝐢𝐚 𝐞𝐯𝐞𝐧 𝐚𝐟𝐭𝐞𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐝𝐞𝐚𝐭𝐡 𝐨𝐟 𝐟𝐢𝐯𝐞 𝐩𝐞𝐫𝐬𝐨𝐧𝐬. 𝐍𝐨𝐰 𝐭𝐡𝐚𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐍𝐆𝐓 𝐡𝐚𝐝 𝐢𝐦𝐩𝐨𝐬𝐞𝐝 𝐟𝐢𝐧𝐞, 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐭𝐚𝐭𝐞 𝐠𝐨𝐯𝐞𝐫𝐧𝐦𝐞𝐧𝐭 𝐬𝐡𝐨𝐮𝐥𝐝 𝐚𝐥𝐬𝐨 𝐭𝐚𝐤𝐞 𝐚𝐜𝐭𝐢𝐨𝐧 𝐚𝐠𝐚𝐢𝐧𝐬𝐭 𝐭𝐡𝐞 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐨𝐧𝐭𝐫𝐚𝐜𝐭𝐨𝐫𝐬 𝐨𝐧 𝐭𝐡𝐞 𝐛𝐚𝐬𝐢𝐬 𝐨𝐟 𝐭𝐡𝐢𝐬 𝐫𝐞𝐩𝐨𝐫𝐭, 𝐬𝐚𝐢𝐝 𝐊𝐮𝐦𝐚𝐫𝐢 𝐒𝐞𝐥𝐣𝐚.
कुमारी सैलजा ने कहा कि डाडम को लेकर एनजीटी की निगरानी समिति ने जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें साफ लिखा है कि अवैध खनन किया गया। ठेकेदारों ने पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचाया। चिन्हित जगह से अलग जंगल के एरिया में भी खनन किया गया।
लीज क्षेत्र से बाहर अवैध तौर पर खनन किया जाता रहा। ठेकेदार ने किसी तरह की खनन नीति भी नहीं बनाई। जितनी मंजूरी सरकार से थी, उससे मुकाबले कहीं अधिक गहराई तक खनन किया गया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह राज्य सरकार के संरक्षण के कारण ही संभव हुआ।
इसीलिए आज तक पांच लोगों की पहाड़ में दबकर जान जाने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई खनन माफिया के खिलाफ नहीं की गई। अब जब एनजीटी ने जुर्माना लगाया है तो इसी रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश सरकार के भी खनन ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
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