पंचायत में सरपंच को काम करने के लिए 20 लाख रूपए तक की पावर दी जानी चाहिए.
विधायक डा. बीएल सैनी ने कहा कि एक ओर तो सरकार कह रही है कि गांवों में तेजी से विकास कार्य करवाए जाएगें। लेकिन सरपंचो के बिना गांवो में तेजी से विकास करवाना संभव नहीं है। सरकार सरपंचो की अनदेखी करने का कार्य कर रही है।
सरपंचो की पावर गांव में 2 लाख रूपए तक के कार्यो को करवाने तक सीमित रखा जा रहा है। जिससे अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार जताने का प्रयास कर रही है कि उन्हें सरपंचों से ज्यादा अधिकारियों व ठेकेदारों पर भरोसा है। यह जनप्रतिनिधियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करना है।
सरकार का यह निर्णय उचित नहीं है। सरकार को कम से कम 20 लाख रूपए तक के विकास कार्य सरपंचो के माध्यम से ही करने चाहिए। जिससे गांवो में तेजी से कार्य होगें। सरकार पूरी तरह से जनविरोधी साबित हो रही है। उसके द्वारा लिए जा रहे निर्णय जनता व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ है।
जबकि कांग्रेस सरकार में जनप्रतिनिधियों को पूरा मान सम्मान दिया जाता था। उन्होनें सरकार से मांग की कि इस निर्णय को वापिस ले। अगर सरकार अपने इस निर्णय को वापिस नहीं लेती तो कांग्रेस पार्टी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर सरकार का विरोध करेगी और कांग्रेस की सरकार बनने पर प्राथमिकता के साथ इस फैसले को बदला जाएगा।

