बुधवार शाम तक भी विभाग की ओर से यहां कोई राहत कार्य शुरू नहीं करवाया गया, जिससे किसानों में रोष है, किसानों का कहना है कि डिच डे्रन की सही प्रकार से साफ सफाई न होने से यह हर दिन कहीं न कहीं से टूट रही है !
रादौर, डिजिटल डेक्स।। पिछले दो दिनों में डिच डे्रन चार जगहों से टूट गई है। बुधवार को एक बार फिर से गांव घेसपुर के समीप डिच डे्रन के किनारे का एक बड़ा हिस्सा टूटने से किसानों की करीब 250 एकड़ भूमि में खड़ी धान, सब्जी, गन्नें व पापुलर की फसलें जलमग्र हो गई।
किसानों का आरोप है कि मंगलवार सुबह से ही डिच डे्रन से खेतों में पानी निकलना शुरू हो गया था। जिसकी जानकारी विभाग के कर्मचारियों को दे दी गई थी लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे अब डे्रन का बड़ा हिस्सा पानी में बह गया।
बुधवार शाम तक भी विभाग की ओर से यहां कोई राहत कार्य शुरू नहीं करवाया गया। जिससे किसानों में रोष है। किसानों का कहना है कि डिच डे्रन की सही प्रकार से साफ सफाई न होने से यह हर दिन कहीं न कहीं से टूट रही है।
किसानों ने विभाग के उच्चाधिकारियों से मामले की उच्च स्तरीय जांच करने व किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा दिएं जाने की मांग की है। वहीं कर्मचारी डे्रन में पानी अधिक आ जाने को इसका कारण बता कर अपनी जिम्मेंदारी से पल्ला झाड़ रहे है।
किसान सतीश सैनी, अकुंर लालर, सतबीर, प्रवीन, रमेश, राजपाल, कपिल, प्रदीप, शेखर राणा, गोल्ड़ी, चेतन, दिलबाग, पूर्व सरपंच कीर्ती का कहना है कि मंगलवार की सुबह से ही गांव घेसपुर के रकबे के सामने किसान राजपाल के खेत के पास डिच डे्रन से पानी निकलना शुरू हो गया था।
शुरूआत में थोड़ा पानी ही खेतों में निकल रहा था। लेकिन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इसे बंद करने की जहमत नहीं उठाई। जिससे धीरे धीरे कर डिच डे्रन का बड़ा हिस्सा पानी में बह गया और डिच डे्रन में आ रहा भारी पानी किसानों की फसलों को जलमग्र करता चला गया।
जिससे गांव भगवानगढ़, पोटली व खुर्दबन के रकबे में मौजूद करीब 250 एकड़ भूमि में यह पानी जमा हो गया। एक ओर तो पहले ही किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण भारी नुकसान हो रहा है वहीं दूसरी ओर विभागीय लापरवाही भी किसानों पर भारी पड़ रही है।
विभागीय कर्मचारियों को इसकी जानकारी होने के बाद भी इसे समय रहते ठीक नहीं करवाया गया। इतना ही नहीं बुधवार शाम तक भी विभाग ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया और मजदूर न मिलने का बहाना बनाते रहे। जिससे किसानों की फसलें जलमग्र होती चली गई। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से किसानों को मुआवजा देने व सफाई कार्य की जांच करने की मांग की है।
क्षमता से अधिक पानी आने के कारण आ रही समस्या-सौरभ
सिंचाई विभाग के जेई सौरभ से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंने बताया कि डिच डे्रन में क्षमता से अधिक पानी आ रहा है। डिच डे्रन को कैमिकल युक्त पानी की निकासी के लिए बनाया गया है लेकिन बारिश अधिक होने से बरसाती पानी डे्रन में छोड़ा जा रहा है।
जबकि इसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं है। मजदूर न मिलने से राहत कार्य शुरू नहीं करवाया जा सका। लेकिन प्रयास किया जा रहा है कि किसानों को जल्द से जल्द इस समस्या से छुटकारा दिलवाया जाए।
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