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𝐂𝐡𝐚𝐧𝐝𝐢𝐠𝐚𝐫𝐡 𝐍𝐞𝐰𝐬 : दुष्यंत बोले, निजी अस्पतालों के बाद अब सरकारी डॉक्टर हड़ताल की ओर, स्वास्थ्य व्यवस्था हो रही डांवाडोल

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व गठबंधन सरकार के कई फैसलों पर मौजूदा सरकार ने यूटर्न लिए है. उन्होंने कहा कि अपने चहेते बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए सीएम ना केवल कमेटी की रिपोर्ट को दरकिनार कर रहे है !


चंडीगढ़, डिजिटल डेक्स।। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ‘बड़े साहब’ से परमिशन लेकर चल रही भाजपा प्रदेश सरकार में आज प्रदेश की प्रशासनिक का बेहद बुरा हाल है और राज्य में अपराधियों, भ्रष्टाचारियों और लुटेरों का बोलबाला है। 

दुष्यंत चौटाला ने स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर भाजपा सरकार की पोल खोलते हुए सरकार से जवाब मांगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह को ये स्पष्ट करना चाहिए कि जिन फैसलों को वे बदल रहे हैं, वे फैसले पूर्व मुख्यमंत्री ने गलत लिए थे क्या ?


पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना का प्राइवेट अस्पतालों को बकाया न मिलने से निजी अस्तपालों के डॉक्टर हड़ताल पर रहे, एक तरफ सरकार उनकी पेमेंट नहीं कर रही है और ऊपर से किडनी, लीवर ट्रांसप्लांट करवाने का वादा कर रही है। 

उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के चार हजार सरकारी डॉक्टर भी 15 जुलाई को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य व्यवस्था का बुरा हाल है। इसी तरह अस्पतालों के निर्माण के कार्यों में सरकार देरी कर रही है। 

उन्होंने कहा कि कोरियावास मेडिकल कॉलेज में स्टाफ की नियुक्तियां नहीं हुई। जींद मेडिकल में पिछले साल ओपीडी व्यवस्था शुरू करने की दिशा में कार्य शुरू हो गया था लेकिन अब तक मेडिकल स्टाफ की नियुक्तियां नहीं हुई। 

वहीं सिरसा मेडिकल कॉलेज का भी पूर्व गठबंधन सरकार ने टेंडर अलॉट कर दिया था लेकिन मौजूदा सरकार ने उसे रद्द कर दिया। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने पर ‘यू-टर्न भाजपा सरकार’ अड़चने डाल रही है। प्रदेश के कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे आयुष डॉक्टरों की नौकरी सुरक्षा और पक्की नौकरी में बैनिफिट्स देने में भेदभाव किया जा रहा है।

पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व गठबंधन सरकार के कई फैसलों पर मौजूदा सरकार ने यूटर्न लिए है। उन्होंने कहा कि अपने चहेते बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए सीएम ना केवल कमेटी की रिपोर्ट को दरकिनार कर रहे है बल्कि विधानसभा अध्यक्ष की भी नहीं सुन रहे है। 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि स्टिल्ट प्लस चार मंजिला निर्माण को दोबारा अनुमति देना का जेजेपी विरोध करती है और सरकार इसे तुरंत वापस ले अन्यथा जेजेपी पुरजोर विरोध करेगी।

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वित्त मंत्री के तौर पर पूर्व सीएम मनोहर लाल ने पंचायती राज में पांच लाख रुपए के टेंडर पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन अब मौजूदा यूटर्न सरकार ने इसे 21 लाख रुपए किया और 50 प्रतिशत की लिमिट को निकाला। 

उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार ने सरपंचों को गुमराह करने के लिए लिया है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी में ढील देने की बात सीएम कह रहे है, इसका मतलब नायब सैनी पूर्व सीएम मनोहर लाल के हर फैसले पर यूटर्न ले रहे है। 

कहा कि सरकार को प्रॉपर्टी आईडी पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, क्योंकि प्रॉपर्टी आईडी में भ्रष्टाचार फैलाया जा रहा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सरकार बताए कि पिछले दो महीने से कितनी आईडी की संशोधन की प्रार्थना पेंडिंग पड़ी है और कितनी प्रॉपर्टी आईडी को पांच मिनट में ही बदल दिया गया, ये डिजिटल डाटा जनता के समक्ष सरकार रखे। 

उन्होंने कहा कि इसी तरह परिवार पहचान पत्र के संशोधन के लिए पेंडिंग शिकायत का निवारण नहीं हो रहा जबकि बहुत सारे मामलों में 48 घंटें में ही आय में संशोधन कर दिया गया। 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि क्रीड का स्टाफ भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है, पीपीपी और प्रॉपर्टी आईडी में रिश्वत लेकर बदलाव किए जा रहे है, इसमें अधिकारी और कुछ चुनिंदा लोग शामिल है। उन्होंने कहा कि हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो तुरंत डाटा की जांच करें और कार्रवाई करे।

देश में 13 उपचुनाव के परिणाम पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जनता ने इन उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा को नाकारा है और क्षेत्रीय दलों पर भरोसा जताया है। 

पूर्व डिप्टी सीएम ने उम्मीद जताई कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव के लिए करीब 100 दिन बचे है और ऐसे में प्रदेश हित में हरियाणा की जनता राष्ट्रीय पार्टियों को नकारते हुए क्षेत्रीय दल को ताकत देगी। 

इनेलो और बसपा के गठबंधन के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि यह गठबंधन कितने दिन चलेगा, यह भविष्य की गर्भ में छिपा है और इस गठबंधन का क्या होगा, यह जनता तय करेगी लेकिन आज सामान्य चर्चा यही हो रही है कि इनेलो और बसपा का गठबंधन सांठगांठ के तहत हुआ है।

ई-टेंडरिंग के फैसले पर दुष्यंत चौटाला ने स्पष्ट किया कि पूर्व गठबंधन सरकार में यह निर्णय पंचायत विभाग का नहीं था बल्कि वित्त विभाग और चीफ सेक्रेटरी का था, हमने इस पर बार-बार विरोध भी जताया था। 

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ई-टेंडरिंग की समस्या को देखते हुए उन्होंने उस समय सरपंचों को बदलाव का आश्वासन दिया था। ई-टेंडरिंग का जेजेपी को नुकसान भी झेलना पड़ा।

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