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𝐇𝐚𝐫𝐲𝐚𝐧𝐚 𝐃𝐞𝐬𝐤 : शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, SC ने दिए ये बड़े आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने ‘आंदोलनजीवी’ किसानों को दिया झटका, 15 अगस्त को दिल्ली कूच का किया था ऐलान



हरियाणा, डिजिटल डेक्स ||  सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर को अभी बंद ही रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि किसान JCB लेकर प्रदर्शन करने नहीं आ सकते। कोर्ट ने कहा है कि वह अब एक कमेटी बनाएगा जो किसानों और सरकार, दोनों का पक्ष सुनेगी।

बुधवार को शंभू बॉर्डर से बैरिकेड को लेकर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह कुछ प्रबुद्ध जनों की एक कमेटी बनाएगा जो इस मसले का हल निकालेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा इस कमेटी के लिए नाम सुझा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने तब तक शंभू बॉर्डर को बंद रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसके बाद ही पंजाब और हरियाणा आपस में बातचीत करके बैरिकेड हटाने पर काम करेंगे और चरणबद्ध तरीके से उन्हें हटाएँगे। तब तक दोनों राज्य यथास्थिति बनाएँ रखें।

सुप्रीम कोर्ट में किसान और बैरिकेड के मामले की सुनवाई के दौरान प्रदर्शन के तरीके पर पर भी टिप्पणी की गई। सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि किसान प्रदर्शन के नाम पर टैंक और बख्तरबंद गाड़ियाँ लेकर आना चाहते हैं।




इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसान ऐसे प्रदर्शन नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और किसानों के बीच विश्वास की कमी की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान पंजाब का भी पक्ष सुना जिसने कहा कि शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण उसे आर्थिक नुकसान हो रहा है।

गौरलतब है कि पंजाब और हरियाणा के बीच पड़ने वाला शंभू बॉर्डर बीते फरवरी माह से ही बंद है। यहाँ किसानों ने डेरा जमाया हुआ है और वह दिल्ली आकर प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने हाल ही में 15 अगस्त को दिल्ली आकर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। 

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हाल ही में इस मामले पर सुनवाई करते हुए हरियाणा को आदेश दिया था कि वह बैरिकेड हटा दे। इस निर्णय के विरुद्ध हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसने हाई कोर्ट के फैसले से इतर बॉर्डर खोलने पर अभी के लिए रोक लगाई है।

ये भी पढ़ें :  हरियाणा गृह विभाग द्वारा नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 5(1)(ई) के तहत

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