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Rohtak News : रिश्वतखोर कानूनगो गिरफ्तार, अदालत बोली- तत्काल रिहा करो, पुख्ता सबूत जुटाओ

नौ कनाल जमीन का रिकाॅर्ड बदलने के नाम पर दो लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में पुलिस ने कानूनगो को गिरफ्तार किया




रोहतक, डिजिटल डेक्स।। खेड़ी सांपला गांव की नौ कनाल जमीन का रिकाॅर्ड बदलने के नाम पर दो लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में पुलिस ने कानूनगो को गिरफ्तार किया है। 

आरोपी पाकस्मा निवासी कानूनगो प्रदीप को शुक्रवार को अदालत में पेश किया, जहां दो दिन का रिमांड मांगा। 

एसीजेएम मंगलेश कुमार चौबे की अदालत ने पुलिस से कहा, पहले पुख्ता सबूत जुटाओ, फिर गिरफ्तार करना। अकेले कबूलनामे पर गिरफ्तारी नहीं हो सकती। तत्काल प्रभाव से आरोपी को रिहा किया जाए।
पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक खेड़ी सांपला निवासी डॉक्टर धर्मबीर ने 23 जून 2023 को पुलिस को शिकायत दी कि 2016-17 की जमाबंदी के तहत उनके पिता जगन्नाथ के नाम 13 कनाल 4 मरले जमीन थी। 2019 में उनके पिता का देहांत हो गया। 


जब वह अपनी बहनों के नाम से जमीन उतरवाने के लिए गए तो पता चला कि उनके पिता के पास तो केवल 3 कनाल 4 मरले जमीन बची है। 9 कनाल जमीन कृष्ण, संजय व जयभगवान के नाम हो चुकी है, जो आरोपियों ने ढाई करोड़ रुपये में बेच दी। आरोप लगाया कि पटवारी प्रदीप ने मिलीभगत करके जमीन नाम की है। दिसंबर 2023 में पुलिस ने सांपला थाने में आरोपी पटवारी प्रदीप के खिलाफ केस दर्ज किया था, जो अब कानूनगो है।

11 जुलाई 2024 को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, साथ ही भ्रष्टाचार अधिनियम 7 व 13 भी जोड़ दिया। शुक्रवार को अदालत में पेश कर दो दिन का रिमांड मांगा, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया, साथ ही आरोपी को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए।

बचाव पक्ष ने उठाए सवाल : एसडीएम व मंडल आयुक्त कोर्ट के फैसलों को तवज्जो नहीं दी अदालत में शुक्रवार को बचाव पक्ष की तरफ से वकील सुशील पांचाल पेश हुए। बचाव पक्ष ने कोर्ट को बताया कि आरोपी प्रदीप के खिलाफ शिकायत तहसीलदार गुलाब सिंह को दी गई। आरोप है कि प्रदीप पटवारी ने तहसीलदार से 9 कनाल जमीन दूसरे पक्ष को चढ़ाने की अनुमति नहीं ली। 

तहसीलदार ने कहा कि पटवारी ने गलती की है। कृष्ण पक्ष ने एसडीएम कोर्ट में तहसीलदार के फैसले को चुनौती दी। एसडीएम कोर्ट ने तहसीलदार के फैसले को रद्द कर दिया। डाॅक्टर धर्मबीर पक्ष मंडल आयुक्त की कोर्ट में पहुंचा, जहां एसडीएम कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। दोनों रेवेन्यू कोर्ट के फैसलों की पुलिस ने अपनी जांच में अनदेखी की है।

इतना ही नहीं, शिकायतकर्ता ने भी यह नहीं कहा कि प्रदीप पटवारी, हाल में कानूनगो ने दो लाख रुपये रिश्वत लेकर रिकाॅर्ड बदला है। केवल पुलिस आरोपी के कबूलनामे के आधार पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत गिरफ्तारी नहीं कर सकती। ऐसे में गिरफ्तारी ही अवैध है।

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