अमेरिका के बोस्टन में भारतीयो ने किया कृषि कानूनो का विरोध, लगाए किसान आंदोलन के समर्थन में नारे
वहीं भारत सरकार से इन कृ़षि कानूनो को जल्द से जल्द वापिस लेने
की मांग की। बोस्टन में हुए इस रोष प्रदर्शन का नेतृत्व रादौर क्षेत्र के गांव
पोटली निवासी जितेन्द्र सैनी ने किया, जो कि इन दिनो अमेरिका के बोस्टन में रह रहे है।
उनके साथ दर्जनो भारतीय भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए और पूरा दिन रोष प्रदर्शन
जारी रखा।
जितेन्द्र पोटली ने बोस्टन से फोन पर की गई बातचीत में बताया कि
अमेरिका में रह रहे भारतीयो में भी इन कृषि कानूनो के प्रति रोष देखा जा रहा है।
लोग इसका विरोध कर रहे है। क्योंकि यह कृषि कानून पूरी तरह से किसानो व खेती के
विरूद्ध है। इससे पूंजीपतियो को बढ़ावा मिलेगा और देश का किसान उनके चंगुल में
फंसकर रह जाएगा। सरकार द्वारा लागू किया जा रहा यह कानून पूरी तरह से किसानो के
खिलाफ है।
यही कारण है कि आज भारत ही नहीं पूरे विश्व में रह रहे भारतीय
भी इस काले कानून का विरोध कर रहे है। देश का किसान जहां पहले ही आर्थिक बोझ के
तले दबा हुआ है और सरकार उनके लिए कोई भी लाभकारी नीति न बनाकर इस प्रकार के कानून
बना रही है। सरकार की यह नीति पूरी तरह से किसान व खेती के विरूद्ध है और इससे साफ
जाहिर हो रहा है कि सरकार किसानो को बर्बाद करने में तुली हुई है। किसानो के इतने
विरोध के बाद भी सरकार का रूख न बदलना भी सरकार के तानाशाही रवैये का प्रमाण दे
रहा है।
लेकिन इतिहास गवाह है कि जब भी किसी भी सरकार ने किसानो को
बर्बाद करने की नीति अपनाई वह पार्टी व सरकार खुद ही बर्बाद हो गई। क्योंकि देश का
किसान जब सडक़ो पर होता है तो वह क्रांति ला देता है और इस बार तो किसानो ने दिल्ली
में डेरा डाला हुआ है। जहां से देश का शासन चल रहा है। अगर किसानो को न्याय नहीं
मिला तो देश की सत्ता में बैठी सरकार का सिंहासन किसान ढहाने से पीछे नहीं हटेगें।
इस अवसर पर उनके साथ अवतार सिंह, रणबीर सिंह, राहुल सैंसा, बिंदर बापौली, नरीता, बीराराम भागूमाजरा, अजय बराड़ा व अकुंश
धीन इत्यादि भारतीय मौजूद रहे।