सरकार निजीकरण की नीति खुद अपनी सरकार पर अपनाए , केंद्र व प्रदेश सरकार को दे ठेके पर : श्यामसिंह राणा
कृषि कानूनों को लेकर पूर्व विधायक ने साधा सरकार पर निशाना बोले, बीजेपी कर रही है हर क्षेत्र का निजीकरण, तो पहले सरकार निजीकरण की नीति खुद अपनी सरकार पर अपनाए, केंद्र व प्रदेश सरकार को दे ठेके पर। कहा किसानों की मांग को जल्द पूरा करे सरकार नही तो पूरे देश के किसान एकजुट होकर करेंगे बड़ा आंदोलन।
कृषि कानूनों को लेकर जहां किसान सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे है, वही आज रादौर के पूर्व विधायक श्यामसिंह राणा ने भी सरकार पर निशाना साधा है। राणा ने कहा कि आज बीजेपी सरकार हर क्षेत्र का निजीकरण कर मनमानी कर रही है, अगर सरकार को निजीकरण की नीति इतनी ही अच्छी लगती है, तो पहले सरकार को इस नीति को खुद पर आजमाना चाहिए। राणा ने कहा कि मोदी सरकार पहले केंद्र व प्रदेश सरकार को निजी हाथों में सौंपे फिर किसी भी क्षेत्र का निजीकरण करें। उन्होंने कहा कि आज का किसान बहुत जागरूक है और वो अपना भला बुरा समझता है। इसलिए सरकार को किसानों की मांगों को जल्द मानना चाहिए। वही उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा खेती को खत्म करने की है। पूंजीपतियों की नजर अब खेती व मंडियों पर है, जिसे वो हथियाना चाहती है। वही उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि अभी किसानों का आंदोलन कुछ राज्यो तक सीमित है, लेकिन अगर सरकार ने किसानों की मांग को नही माना, तो पूरे देश में यह आंदोलन शुरू हो जाएगा, जिसके बाद बड़ी समस्या सरकार के लिए पैदा हो सकती है।
कृषि कानूनों को लेकर सरकार व किसानों के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है, सरकार कानूनों को वापिस न लेकर इसमें बदलाव के कई प्रस्तावों को किसानों के पास भेज चुकी है, बावजूद किसान संगठन इन कानूनों को वापिस लेने की मांग पर अड़े हुए है। खैर अब देखना होगा कि इस आंदोलन को शांत करने के लिए केंद्र सरकार किसानो को कैसे मना पाती है।