बनाएंगे नशा मुक्त जिला
यमुनानगर NEWS। नशा मुक्ति मुहिम को कामयाब करने के लिए पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने मंगलवार शाम करीब 3 घंटे तक एनजीओ व समाजसेवियों के साथ बैठक की। मुहीम से करीब 40 वालंटियर जुड़े। शुक्रवार को सिविल अस्पताल के सरकारी व निजी अस्पताल के डॉक्टर इन्हें ट्रेनिंग देंगे। ट्रेनिंग में उन्हें यह बताया जाएगा कि नशा पीड़ितों से किस तरह बात करनी है। इससे आगे की रणनीति भी तय कर ली गई है। शनिवार-रविवार यह 40 वालंटियर अपने अपने एरिया में रिटायर्ड व मौजूदा पुलिस कर्मियों के नशा पीड़ितों की पहचान करेंगे। उसकी सूची पुलिस प्रशासन को देंगे।
इसके बाद मंगलवार या बुधवार
सिविल अस्पताल यमुनानगर में नशा पीड़ितों की काउंसलिंग करवाई जाएगी। इस मौके पर डॉ पायल ने 𝟏𝟏 वालंटियर, पूरन चंद ने 𝟏𝟎, ऑटो रिक्शा यूनियन ने 𝟓, डीआरओ ने 𝟏𝟎, प्रिया ने 𝟏𝟎, शशि की ओर से 𝟐 वालंटियर देने की घोषणा की गई। मौके
पर आर के मंगा, गगन कुमार, कमलेश, ऐश्वर्या कौशिक, नितिन
ग्रोवर, नितिन शर्मा, मुल्क राज भारद्वाज, शशि, नकुल गोयल, गगन, निखिल शर्मा,
पूरन चंद शर्मा, प्रिया, पुलिस प्रवक्ता चमकौर सिंह, एसपी
रीडर राजीव मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कर रहे रोड सेफ्टी एसोसिएशन के
पदाधिकारी एवं अधिवक्ता सुशील आर्य ने कहा कि अभी हमें यह प्रयास छोटा लग रहा है
लेकिन अगर हम इस प्रयास में कामयाब रहे तो नशा पीड़ितों के घर आबाद हो जाएंगे। ये
परिवार हमें दुआ देंगें। इस संगठन का नाम देश ही नहीं विदेश तक गूंजेगा। बस हमें
दिल से काम करना है।
- बेवजह
15 दिन खराब हो गए
पुलिस अधीक्षक ने बैठक में स्पष्ट किया कि जो लोग
जिला प्रशासन का दिल से साथ देना चाहते हैं वह आगे आए। जो साथ नहीं दे सकते वह अभी
भी जा सकते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया की पिछली दो बैठकों में सो कॉल्ड एनजीओ
बड़ा दम भरते थे और कहते थे कि वे समाज के लिए बहुत काम करते हैं। उनकी ओर से बहुत
से वालंटियर देने का वादा किया गया। उनसे उनसे उम्मीद थी कि वह समाज की बेहतरी के
लिए काम करेंगे। काम तो उन्होंने क्या करना था वह मीटिंग में भी नहीं आए। इच्छा है
तो एनजीओ साथ दें। पुलिस प्रशासन किसी पर निर्भर नहीं है। पिछली दो बैठक में एनजीओ
के दम भरने की वजह से 15 दिन खराब हो गए।
- एनजीओ
के खिलाफ लिखने को भी तैयार
पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने कहा कि जो लोग काम करना चाहते हैं
उनका स्वागत है। जो लोग उनके या किसी भी सरकारी दफ्तर में समाजिक काम का बहाना
देकर फोटो खिंचवाते हैं ऐसे लोगों की उन्हें जरूरत नहीं है। वे तो ऐसी एनजीओ के
खिलाफ लिखने को भी तैयार हैं। पिछली दो बैठकों के तजुर्बे को देखकर उन्हें बड़ी
तकलीफ हुई। तब भी उनसे पूछा गया था कि अगर साथ देना है तो ठीक, वरना अभी भी पीछे हट जाए। यदि किसी ने
कुछ करना है तो दम दिखाएं। सो कॉल्ड एनजीओ के लिए उनके पास ना तो समय है और ना ही
स्वागत के लिए। नशे की दिक्कत वे स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन यह दिक्कत अकेले एक
वर्ग की नहीं बल्कि पूरे समाज की है दिक्कत है। ये तभी दूर होगी जब समाज के लोग
साथ देंगे।
- मामला
तो सोसाइटी से जुड़ा हुआ
बैठक
में कहा गया कि नशा कहीं ना कहीं अपराध का कारण है। मान लीजिए किसी के घर चोरी हो
गई और चोर पकड़ा गया और उसने पूछताछ में बताया कि उसने नशे की पूर्ति के लिए चोरी
की थी। इसे आप क्या समझेंगे, यह
मामला तो सोसाइटी से जुड़ा हुआ है। इसे खत्म करने के लिए हमें दिल से काम करना
होगा। समस्या तब तक खत्म नहीं होगी जब तक हम नशा पीड़ित का नशा ना छुड़वा दें।
इतना ही नहीं उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का भी काम करें।
- प्रोजेक्ट
को समझने की जरूरत
पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने एनजीओ से कहा कि वे नशा पीड़ितों का
सर्वे करें। प्रशासन ने वालंटियर मांगे थे अभी तक किसी ने वालंटियर की लिस्ट नहीं
दी। हालांकि पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिला ऑटो रिक्शा यूनियन
यमुनानगर का सहयोग सराहनीय है। इस पर एसपी ने कहा इस प्रोजेक्ट को समझने की जरूरत
है। गांव के लोग भी उनके साथ जुड़ रहे हैं। हमें एक ऐसा हेल्प डेस्क तैयार करना है
जो नशा पीड़ितों के लिए मार्गदर्शक बने।
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