धूम्रपान
पर प्रतिबंध होने के बावजूद नियम की खुलेआम अवहेलना
रादौर NEWS। दूसरो को नसीहत मियां खुद फजीहत, यह कहावत इन दिनों नपा कर्मचारियों पर फिट
बैठती दिखाई दे रही है। सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करना निषेध है। यहां तक कि
अगर ऐसा करता कोई पाया जाता है तो उस पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।
सार्वजनिक स्थानों पर ऐसा न हो इसके लिए सरकार ने सभी कर्मचारियों को हिदायत भी दे
रही है। लेकिन नगरपालिका कार्यालय में सरकार के कर्मचारी ही खुद सरकार के नियमों
को तोड़ रहे है। ऐसा नगरपालिका रादौर कार्यालय में देखने को मिला है। जहां क्र्लक
के पद पर कार्यरत कर्मचारी रमजान कार्यालय के पोर्च में आराम से कुर्सी पर बैठकर
बीड़ी के कश लगाता दिखाई दिया। जानकारों की माने तो यह कोई नई बात नहीं है। यह
कर्मचारी अक्सर इसी प्रकार यहां पर कश लगाते आसानी से देखा जा सकता है। जिसके पास
से लोग गुजरते रहते है और यह कर्मचारी अपने कश लगाने में मस्त रहता है। जबकि
सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने से रोकने का उद्देश्य यह है कि हमारे धुम्रपान
करने से किसी अन्य व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। क्योंकि चिकित्सक मानते है कि
बीड़ी के धुम्रपान से निकलने वाला धुआं जिनता पीने वाले को नुकसान पहुंचाता है
उतना ही यह उस व्यक्ति को भी नुकसान पहुचाएगा जो व्यक्ति पास से गुजरेगा या फिर
उसके पास खड़ा होगा। सरकार व न्यायालय जो हिदायतें जारी करता है उसका पालन करवाने
की जिमेंवारी सरकारी कर्मचारियों की होती है। लेकिन अगर सरकारी कर्मचारी ही सरेआम
यह नियम तोड़ते देखे जाएं तो आम जनता पर भी इसका विपरित असर पड़ता है और इससे वह
नियम केवल मात्र औपचारिकता ही रह जाता है।
सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धारा 21 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना गया है।
इस नियम का उल्लंघन करने वाले को 200 रुपए
का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है।
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