जल्द नहीं हुआ उठान तो स्थिति होगी गंभीर
रादौर 𝐍𝐄𝐖𝐒। धान की फसल को बेचना इस वर्ष किसानों के लिए टेढ़ी खीर बनता जा रहा है। एक ओर जहां हर दिन मौसम की मार किसानों को झेलनी पड़ रही है वहीं दूसरी ओर प्रशासन की बेरूखी भी किसानों को रास नहीं आ रही है। मंडियों में धान की खरीद में राईस मिलर्स कोई रूचि नहीं ले रहे है। जिससे उठान नहीं हो रहा है। उठान न होने से किसानों की धान खुले आसमान के नीचे ही पड़ी है। सोमवार की रात्रि आई बारिश से खुले में पड़ी किसानों की धान बारिश में भीग गई। आनन फानन में खुले में पड़ी धान की बोरियां व ढेंरियों को तिरपाल से ढ़कने का प्रयास तो किया गया लेकिन फिर भी अधिकांश धान बारिश से भीग गई। सुबह किसान मंडी में खड़े पानी से धान की फसल को बचाते नजर आएं। वहीं सुबह भीगी धान को लेबर सुखाने के कार्य में जुट गई।
- अब तक इतनी हुई है खरीद
मार्किट कमेटी सचिव जयसिंह ने बताया कि तीनों मंडियों में अब तक करीब 𝟖𝟖𝟎𝟎 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है। जिसमें रादौर अनाज मंडी में 𝟒𝟕𝟎𝟎 क्विंटल, गुमथला में 𝟏𝟓𝟎𝟎 हजार क्विंटल व जठलाना में 𝟐𝟔𝟎𝟎 क्विंटल धान की जा चुकी है।
- जल्द नहीं हुआ उठान तो स्थिति होगी गंभीर
मंडियो में अब तक लाखों क्विंटल धान की आवक हो चुकी है। लेकिन उठान के नाम पर अभी तक एक बोरी भी नहीं उठ पाई है। जिससे लगातार मंडी में धान की बोरियों व ढेरियों के स्टॉक लग रहे है। अगर जल्द ही उठान नहीं हुआ तो स्थिति गंभीर हो जाएंगी। वहीं दूसरी सरकार व प्रशासन को किसानों के गुस्से का सामना भी करना पड़ सकता है।
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