देशव्यापी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के लिए हरियाणा पूरी तरह तैयार – डॉ. सुमिता मिश्रा
हरियाणा के 10 जिले — अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर — सिविल डिफेंस श्रेणी-द्वितीय में शामिल हैं, जबकि झज्जर को श्रेणी-तृतीय में रखा गया है।
चंडीगढ़ DIGITAL DESK || केंद्र सरकार के निर्देश पर 7 मई को देशभर में आयोजित की जा रही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल को लेकर हरियाणा ने पूरी तैयारी कर ली है। राज्य सरकार इस अभ्यास को सभी जिलों, कस्बों और गांवों में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
इस संबंध में आज केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा और सिविल डिफेंस एवं होम गार्ड्स के महानिदेशक श्री देशराज सिंह भी जुड़े।
बैठक के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा में मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ये अधिकारी अपने जिलों में सिविल डिफेंस के पदेन नियंत्रक भी हैं।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत हरियाणा के 10 जिले — अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर — सिविल डिफेंस श्रेणी-द्वितीय में शामिल हैं, जबकि झज्जर को श्रेणी-तृतीय में रखा गया है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य में सिविल डिफेंस सायरन, एयर रेड अलार्म सिस्टम, हॉटलाइन कंट्रोल रूम, और भारतीय वायुसेना सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों से रेडियो कम्युनिकेशन लिंक को सक्रिय कर दिया गया है। अभ्यास के दौरान "ब्लैकआउट प्रोटोकॉल", लोगों की सुरक्षित निकासी और आपात प्रतिक्रिया की प्रक्रिया का भी परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आम नागरिकों, छात्रों और महत्वपूर्ण संस्थानों के कर्मचारियों को आपदा के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फायर ब्रिगेड, होम गार्ड्स, स्वास्थ्य कर्मियों और बचाव दलों की तैयारियों की भी गहन समीक्षा की जा रही है।
इसके साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम पूरी तरह सक्रिय रहें, ताकि समय पर चेतावनी, सूचनाओं का आदान-प्रदान और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य केवल प्रशासनिक तैयारियों का परीक्षण करना नहीं है, बल्कि आम जनता में जागरूकता, सतर्कता और आपदा से निपटने की क्षमता विकसित करना भी है। उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और यह अभ्यास हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"
उन्होंने बताया कि 7 मई को होने वाली यह मॉक ड्रिल सभी विभागों के संयुक्त प्रयास से सफल और प्रभावशाली रहेगी।
इस संबंध में आज केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें देश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हरियाणा के मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा और सिविल डिफेंस एवं होम गार्ड्स के महानिदेशक श्री देशराज सिंह भी जुड़े।
बैठक के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा में मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर तैयारी पूरी कर ली गई है। सभी उपायुक्तों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। ये अधिकारी अपने जिलों में सिविल डिफेंस के पदेन नियंत्रक भी हैं।
उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के तहत हरियाणा के 10 जिले — अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत और यमुनानगर — सिविल डिफेंस श्रेणी-द्वितीय में शामिल हैं, जबकि झज्जर को श्रेणी-तृतीय में रखा गया है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि राज्य में सिविल डिफेंस सायरन, एयर रेड अलार्म सिस्टम, हॉटलाइन कंट्रोल रूम, और भारतीय वायुसेना सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियों से रेडियो कम्युनिकेशन लिंक को सक्रिय कर दिया गया है। अभ्यास के दौरान "ब्लैकआउट प्रोटोकॉल", लोगों की सुरक्षित निकासी और आपात प्रतिक्रिया की प्रक्रिया का भी परीक्षण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आम नागरिकों, छात्रों और महत्वपूर्ण संस्थानों के कर्मचारियों को आपदा के समय अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। फायर ब्रिगेड, होम गार्ड्स, स्वास्थ्य कर्मियों और बचाव दलों की तैयारियों की भी गहन समीक्षा की जा रही है।
इसके साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि राज्य और जिला स्तर पर कंट्रोल रूम पूरी तरह सक्रिय रहें, ताकि समय पर चेतावनी, सूचनाओं का आदान-प्रदान और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य केवल प्रशासनिक तैयारियों का परीक्षण करना नहीं है, बल्कि आम जनता में जागरूकता, सतर्कता और आपदा से निपटने की क्षमता विकसित करना भी है। उन्होंने कहा, "हरियाणा सरकार नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और यह अभ्यास हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।"
उन्होंने बताया कि 7 मई को होने वाली यह मॉक ड्रिल सभी विभागों के संयुक्त प्रयास से सफल और प्रभावशाली रहेगी।