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चंडीगढ - शिक्षा हमेशा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : मनोहर लाल

शिक्षा क्षेत्र के लिए सबसे ज्यादा बजट आवंटित


चंडीगढ
: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने सदैव यह साबित किया है कि शिक्षा हमेशा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। यहाँ तक कि वित्त वर्ष 2020-21 के राज्य बजट में मुख्यमंत्री, जो वित्त मंत्री भी हैं, ने शिक्षा क्षेत्र के लिए सबसे ज्यादा बजट आवंटित करने की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री की इसी सोच को और आगे बढ़ाते हुए कोविड-19 के समय में नवीनतम तकनीकों और तरीकों का उपयोग करते हुए शिक्षा प्रदान करने के तरीकों को समझने और सांझा करने के उद्देश्य से हरियाणा विदेश सहयोग विभाग और एसोसिएशन ऑफ हरियाणवी इन ऑस्ट्रेलिया (एएचए) के सहयोग से आज हरियाणा और ऑस्ट्रेलिया के स्कूल शिक्षकों के बीच ऑनलाइन इंटरएक्टिव सत्र का आयोजन किया गया।

इस सत्र में हरियाणवी प्रवासी शिक्षक, जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ा रहे हैं और जिला फरीदाबाद से 200 से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया। शिक्षकों ने वर्तमान चुनौतियों के बीच उनके द्वारा अपनाए गए तरीकों को सांझा किया। हरियाणा और ऑस्ट्रेलिया के स्कूल शिक्षकों के बीच वर्चुअल इंटरएक्टिव सत्र की इस पहल की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री के सलाहकार और विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव योगेंद्र चौधरी ने कहा कि यह कदम निश्चित रूप से शिक्षा को बढ़ावा देने और प्रवासी हरियाणवियों के साथ मजबूत संबंध सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बनाया गया विदेशी सहयोग विभाग (एफसीडी) अन्य विषयों के साथ-साथ शिक्षा को बढ़ावा देने के संबंध में कार्य कर रहा है। इस उद्देश्य के लिए एफसीडी भारत के साथ-साथ विदेशों में भी विभिन्न संगठनों के साथ संपर्क स्थापित कर रहा है इस अवसर पर महानिदेशक, प्रारंभिक शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव नितिन कुमार यादव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चअुल प्लेटफॉर्म के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म और टेलीविजन के माध्यम से डिस्टेंस एजुकेशन की भी शुरुआत की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थिति सामान्य होने तक छात्र शिक्षा से वंचित न हों। यहां तक कि कोविड-19 महामारी से पूर्व शिक्षा की गुणवत्ता में और अधिक सुधार लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई पहलें की गई थीं तथा शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने की मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता भविष्य में भी जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कोविड एप्रोप्रियेट व्यवहार अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा, विशेष कदम भी उठाए गए हैं, जिनमें मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीडि़त लोगों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत करना शामिल ह है। विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक-सह-सचिव डॉ. अनंत प्रकाश पांडे ने शिक्षकों की उत्साहजनक भागीदारी की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के इंटरएक्टिव सत्रों से लर्निंग एक्सपीरियेंस जैसे महामारी के समय में छात्रों को प्रभावी ढंग से शिक्षा प्रदान करने में उपयोगी साबित हुए अभिनव और तकनीकी उपायों को सांझा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा के सभी जिलों में विदेशी सहयोग विभाग द्वारा इस तरह के इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए जाएंगे।

सत्र के दौरान फरीदाबाद जिले के स्कूलों के कई प्रधानाचार्य और शिक्षकों और हरियाणवी प्रवासी शिक्षक, जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में पढ़ा रहे हैं, ने अपने-अपने अनुभवों को सांझा किया। सत्र में फरीदाबाद के उपायुक्त यशपाल यादव, विदेश सहयोग विभाग के उप सचिव भूपेंद्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद श्रीमती सतिंदर कौर, डिप्टी चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर बीआईपीपी, पवन कुमार, और एएचए, ऑस्ट्रेलिया के फाउंडिंग प्रेसिडेंट सेवा सिंह ने भी सत्र में भाग लिया।

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