प्रदेश की सडक़ सुरक्षा परिषद की बैठक
परिवहन मंत्री ने कहा कि वर्तमान में धुंध का समय है। ऐसे
में सडक़ों पर सुरक्षा के दृष्टिगत प्राथमिकता से कार्य करते हुए सडक़ों पर मार्किंग
और ट्रैक्टर ट्राली आदि वाहनों पर रिफ्लेक्टर और रिफ्लेक्टिव टेप सम्बन्धित विभाग
तत्काल लगाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सडक़ों पर घूमने वाले
लावारिस पशुओं और गायों के सींगों पर भी रिफ्लेक्टिव टेप जल्द से जल्द लगाएं ताकि
लावारिस पशुओं के कारण होने वाले हादसों पर अंकुश लग सके।
उन्होंने कहा कि जिस समयावधि के लिए सडक़ बनाने का ठेकेदार
के साथ कॉन्ट्रेक्ट है, उसके लिए ठेकेदार की भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए ताकि
निर्धारित अवधि तक के लिए ठेकेदार खराब हुई सडक़ की रिपेयर समय से करे। बैठक में
सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कामों को पूर्ण करने के लिए
समय सीमा निर्धारित करें।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग हर जिले में कम से कम 5 किलोमीटर की मॉडल सडक़ बनाएं जो सडक़ सुरक्षा के मानकों पर 100 प्रतिशत फिट बैठे। उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि यह मॉडल सडक़ कोशिश करके ऐसी जगह बनाएं जहां दुर्घटनाएं अधिक होती हों। बैठक में कहा गया कि जिला स्तर पर भी विभाग अपने लक्ष्य निर्धारित करें।
बैठक में कहा गया कि मोटर व्हीकल ड्राइविंग नियामक को लागू कराने के लिए अधिकारी योजना बनाएं। इसके तहत ही जिला स्तर पर एक्सईएन और जेई स्तर के अधिकारियों की भी इन नियामकों की जानकारी देने के लिए ट्रेनिंग कराने की जरूरत है ताकि सडक़ सुरक्षा से जुड़ मानक सडक़ बनाते समय ध्यान में रहें।
सभी विभागों को 100 प्रतिशत ऑडिट कराने के लिए भी कहा गया। राज्य स्तर की लीड एजेंसी में सभी सम्बन्धित विभागों को एक अधिकारी को नियुक्त करने के लिए भी कहा गया, जो पूर्ण समय देकर काम कर सके।
बैठक में पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, प्रदेश के डीजीपी मनोज यादव, परिवहन विभाग के प्रधान सचिव शत्रुजीत कपूर, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण के सीईओ वीरेंद्र सिंह कुंडू, परिवहन विभाग के आयुक्त एसएस फुलिया, परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव अशोक मुंजाल, पीडब्ल्यूडी विभाग के मुख्य अभियंता, शिक्षा विभाग के महानिदेशक के अलावा सडक़ सुरक्षा परिषद से सम्बंधित कई विभागों के प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे।