सरकार हर समय किसानों से वार्ता करने को तैयार
-हरियाणा के 40 विधायकों और सांसदों ने भी तोमर से मिलकर
राज्य के किसानों और जनता की ओर से समर्थन दिया।
-इन कानूनों को किसी भी हाल में वापस नहीं किया जाना चाहिए।
-आल इंडिया किसान को-आर्डिनेशन कमेटी से संबद्ध उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और हरियाणा समेत कई और राज्यों के
किसान संगठनों ने कृषि सुधार कानूनों पर विस्तार से अपनी बात रखी।
-हरियाणा के सांसदों में
केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया, धर्मवीर, नायब सिंह व डीपी
वत्स के साथ राज्य के भाजपा विधायकों ने कृषि भवन में कृषि मंत्री से मुलाकात की।
-दिल्ली बार्डर पर पिछले 19
दिनों से मोर्चा लगाए पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसान
संगठनों के खिलाफ इन नेताओं ने सरकार की पहल का समर्थन किया है।
-जननायक जनता पार्टी
(जजपा) नेता और हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शनिवार को कृषि मंत्री
तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष
गोयल और रक्षा मंत्री राजनाथ ¨सह से मुलाकात की
थी।
-किसानों ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार किसानों के हित में ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं।
-सरकार की नीति और नीयत दोनों में सिर्फ और सिर्फ किसानों का हित है।
-किसान किसी मुद्दे पर
भ्रम के शिकार हो गए हैं तो हमारा दायित्व उनकी शंका निवारण करने का है।
-किसानों के लिए एक देश एक
बाजार की परिकल्पना को जमीन पर उतारा है।
-आंदोलन कर रहे किसान
संगठनों को सरकार ने जो प्रस्ताव दिए हैं, उस पर उनका मत प्राप्त होने के बाद अगली बैठक होगी।
-सरकार किसानों की आमदनी
बढ़ाने, बोआई से पहले उनकी उपज का
लाभकारी मूल्य दिलाने की गारंटी, किसान जहां चाहे
अपनी मर्जी से उपज को अपने निर्धारित मूल्यों पर बेच सके, उपज की ढुलाई का खर्च बच सके, इस तरह के किसान हित में प्रावधान किए गए हैं।
-महाराष्ट्र के किसान नेता
गुणवंत पाटिल व तमिलनाडु के मणिकंदम ने संयुक्त रूप से कहा कि आजादी के बाद
किसानों का शोषण होता रहा है।
-किसानों को खुले बाजार
में अपनी उपज बेचने की आजादी नहीं होने से अब तक वे अपनी उपज के मनमाफिक व लाभकारी
दाम नहीं ले पाते थे।
-सरकार के इन सुधारों से
किसानों को अब जाकर स्वतंत्रता मिली है।
-कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह
तोमर ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की और
लगातार दूसरे दिन किसानों की मांगों व उससे जुड़े मसलों पर विचार-विमर्श किया।