रिश्वत लेते विजिलेंस टीम ने निगम के चीफ सैनेटरी इंस्पेक्टर को किया गिरफ्तार
नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन और उनके दोस्त दीपक बडोला को स्टेट विजिलेंस टीम ने 2 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया , उन्होंने भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष शमशेर सिंह के सफाई ठेकेदार भाई जिंदल कुमार से पैसे लेते गिरफ्तार किया गया। रेड में नायाब तहसीलदार ओमप्रकाश को ड्यूटी मजिस्ट्रेट लगाया गया था। वही स्टेट विजिलेंस के डीएसपी ओम प्रकाश यमुनानगर पहुंचे थे। ससोली रोड से विजिलेंस टीम ने अनिल नैन और उसके दोस्त को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया , जहां सरकारी गाड़ी में वह रिश्वत लेने पहुंचे थे। वही कहा जा रहा है कि तीन लाख की डिमांड यह कह कर की गई थी कि पैसे ऊपर तक देने हैं। अब विजिलेंस की टीम की जांच में क्लियर होगा कि 3 लाख अनिल नैन के पास ही रहने थे या फिर निगम के अन्य अधिकारियों के पास भी जाने थे। '
डीएसपी ओमप्रकाश ने बताया कि दोनों आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो रिमांड पर लिया जा सकता है। सफाई ठेकेदार जिंदल कुमार ने बताया कि उन्हें सफाई के ठेके के लिए टेंडर लिया था , नैन ने उन्हें कहा था कि अगर उन्होंने 3 लाख नहीं दिए तो उनका आवेदन में कमी निकाल कर रिजल्ट करवा दिया जाएगा। अनिल नैन ने उनसे 3 लाख की रिश्वत मांगी थी , कैंसिल होने के डर से उन्होंने 1 लाख पहले ही दिए थे और दो लाख और मांग कर रहे थे उनके पास इतने पैसे नहीं थे , इसलिए उन्होंने इसकी शिकायत की। जिंदल का कहना है कि 2 लाख लेने अनिल ने ससोली रोड पर आया था , उसी दौरान वहां पहुंच गई जैसे ही उसे पैसे लिए तो उसने टीम को इशारा कर दिया और टीम ने उसे पकड़ लिया। इस दौरान 2 लाख अपने दोस्त को दे दिए , टीम ने दोनों से पैसे की रिकवरी कर ली। वहीं पीड़ित पक्ष का कहना है कि उनके पास पहले भी कई वार्ड की सफाई करते हैं , उनकी तरफ से उन्हें कहा जाता था कि अगर उसकी डिमांड पूरी नहीं की गई तो वह उन्हें ब्लैक लिस्ट करा देगा। उधर नैन का कहना है कि उन्हें फसाया गया है उन्होंने किसी से कोई रिश्वत मांगी नई , सभी आरोप झूठे हैं।