रेड रिबन क्लब की ओर से किया गया कार्यक्रम
डॉ. खेतरपाल ने बताया कि कॉलेज की ओर से एक महीने तक युवाओं को एड्स के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। जिसके अंतर्गत पोस्टर, रंगोली, प्रश्नोत्तरी व शॉर्ट फिल्म प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। जिसमें वुमेन सेल,यूथ क्लब, एनएसएस, जनसंचार विभाग का सहयोग लिया जाएगा।
डॉ. सीमा सेठी ने कहा कि एचआईवी अर्थात ह्यूमन इम्यून डेफिशियंसी वायरस एक विषाणु है जिसके संक्रमण से व्यक्ति एड्स नामक बीमारी से ग्रस्त हो जाता है। उन्होंने बताया कि एचआईवी असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई से, संक्रमित रक्त से, संक्रमित गर्भवती स्त्री से उसके होने वाले नवजात शिशु को भी एड्स हो सकता है। एड्स सामान्य संपर्क जैसे हाथ मिलाने, साथ में खाना खाने से या एक ही बर्तन का इस्तेमाल करने से और मच्छर के काटने से नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि एचआईवी एड्स कैसे और किन परिस्थितियों में होता है, इसके प्रति युवाओं को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि इस बार डब्ल्यूएचओ ने एड्स की थीम वैश्विक एकजुटता और सांझा जिम्मेदारी दी है। जो कि इस कोरोना काल के मुताबिक बहुत सही है।
डॉ. खेतरपाल ने कहा कि हमें एड्स के मरीजों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने की जरूरत है। ताकि वे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. मोनिका शर्मा, डॉ. योगिता, अंजू, सुरभि ने सहयोग दिया।