यमुनानगर : कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन
city life haryanaDecember 14, 2020
0
बढ़ता जा रहा है किसानों का आंदोलन
City Life Haryana| यमुनानगर : तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर आंदोलन में बनाई जा रही रणनीति के तहत आज किसान संगठनों ने यमुनानगर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। जगाधरी अनाज मंडी गेट पर किसानों द्वारा किये गए प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ वकीलों ने भी किसानों को अपना समर्थन दिया। जगाधरी अनाज मंडी गेट पर प्रदर्शन करने के बाद किसानों ने कैबिनेट मंत्री कवँरपाल गुर्जर के जगाधरी स्तिथ निवास का घेराव किया ।
जिसके तहत भरी पुलिस बल भी तैनात किया गया था , इस दौरान किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालांकि कैबिनेट मंत्री वहां नही थे अपने किसी कार्यक्रम के चलते शहर से बाहर थे। किसान नेताओ ने कहा कि जब तक ये काले कानून वापिस नही होते हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
कृषि कानूनों को लेकर आंदोलन कर रहे किसान आज जिला मुख्यालयों और मंत्रियों के घरों के बाहर गरजे । यमुनानगर में भी किसानों ने धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस के रादौर से विधायक बी एल सैनी और साढोरा से विधायक रेणु बाला भी पहुंची और किसानों को अपना समर्थन दिया । किसानों ने कैबिनेट मंत्री कवँरपाल गुर्जर के आवास का घेराव किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भाकियू जिला प्रधान संजू गुंदीयाना ने कहा कि आज जिला मुख्यालयो पर प्रदर्शन करने की कॉल की गयी थी , सैकड़ो की संख्या में किसान ट्रेक्टर लेकर आज अनाजमंडी गेट पर इकठा हुए है और सरकार से कृषि कानून को रद्द करने की मांग की है , वही आज शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुज्जर के निवास का घेराव किया गया। वही किसान नेता ने कहा की यह सारा प्रदर्शन बिलकुल शांति पूर्वक रहा है . उन्होंने कहा की सरकार जब तक किसानों की मांगे नही सुनती , तब तक उनकी ये लड़ाई जारी रहेगी।
किसानों के समर्थन में उतरी कांग्रेस विधायक बी एल सैनी ने कहा कि सरकार को ये काले कानून वापिस ले लेने चाहिए। क्योंकि यह तीनो कानून किसान विरोधी है , उन्होंने कहा की कांग्रेस का पूरा सपोर्ट किसानो को है और आगे भी जारी रहेगा , उन्होंने कहा की में दो बार दिल्ली भी किसान आंदोलन के बीच हो कर आया हु , आगे भी हम किसानो के साथ खड़े रहेंगे। अन्नदाता की इस लड़ाई हम उनके साथ है और उनका समर्थन करते है । अब देखना होगा कि सरकार और किसानों के बीच बातचीत के बाद कब इसका हल निकलेगा और कब ये गतिरोध खत्म होगा।