मंदी के दौर में तेल की कीमत बढ़ने से ग़रीब आदमी का जीना हुआ दूभर
BY: Rahul
Sahajwani
हुड्डा आज यमुनानगर के नौवी पातशाही गुरू तेग बहादुर थड़ा साहिब गुरुद्वारा में आयोजित शहीदी दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक गुरुद्वारे के समारोह में शामिल होना उनके लिए गर्व की बात है। क्योंकि, जो देश या समाज अपने शहीदों का सम्मान नहीं करता, वो आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे आयोजन देश और समाज को शहीदों की क़ुर्बानियों और उनके योगदान की याद दिलाते हैं। वो इस धरती को बार-बार नमन करते हैं। उन्हें यहां आने से उन्हें बड़ी ऊर्जा और हौसला प्राप्त हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि किसानों को याद है कि हमारी सरकार के दौरान धान का रेट एमएसपी के पार 5000 रुपये तक पहुंच गया था। पोपुलर भी 1250 रुपये के रेट पर ख़रीदा जाता था। पोपुलर के पत्ते तक इतने महंगे बिकते थे कि किसान अपनी बेटियों की शादी का ख़र्च जुटा लेते थे। हमारी सरकार के दौरान कपास और गन्ने का रेट देश में सबसे ज़्यादा था। लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद 6 साल में गन्ने के रेट में बमुश्किल 40 रुपये ही इज़ाफ़ा हुआ है। जबकि, कांग्रेस सरकार ने गन्ने के रेट में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोत्तरी करते हुए उसे 117 से बढ़ाकर 310 रुपये तक पहुंचाया था। यानी गन्ने के रेट में ऐतिहासिक 193 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई थी।
हुड्डा ने याद दिलाया कि उनके कार्यकाल के दौरान हरियाणा में तेल सबसे सस्ता था, क्योंकि उसपर वैट कम था। उस समय डीजल पर वैट 9 प्रतिशत था, जो कि बीजेपी राज में बढ़कर दोगुना हो गया है। एक तरफ प्रदेश सरकार का वैट तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार की भारी एक्साइज़ ड्यूटी, आम आदमी पर महंगाई की चौतरफा मार पड़ रही है। पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस जैसी ज़रूरी चीज़ें आम आदमी की पहुंच दूर होते जा रही हैं। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिये हरियाणा सरकार को वैट घटाना चाहिए।