डोमिसाइल नियम बदलने से एससी व बीसी श्रेणी की नौकरियों में भी लगेंगे अन्य राज्यों के लोग
BY: Rahul
Sahajwani
हुड्डा ने कहा कि बिजली महकमे की एसडीओ भर्ती ने साबित कर दिया है कि नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75% आरक्षण का फैसला महज जुमला है। एक तरफ सरकार दावा करती है कि वो प्राइवेट नौकरियों में भी हरियाणवियों को आरक्षण देगी। जबकि सरकार खुद की भर्तियों में स्थानीय युवाओं की बजाए अन्य राज्यों के 75 प्रतिशत लोगों को नौकरी दे रही है। एक बार फिर एसडीओ भर्ती में सरकार ने हरियाणा की प्रतिभाओं को दरकिनार करते हुए अन्य राज्य के युवाओं को तरजीह दी है। सामान्य श्रेणी के 90 पदों के लिए 99 लोगों का चयन हुआ है। 9 लोग वेटिंग लिस्ट में है। लेकिन इन 99 में से सिर्फ 22 युवा हरियाणा के हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार की नीतियों के चलते प्रदेश में नौकरियां खत्म होती जा रही हैं। सरकार एक के बाद एक भर्तियों को रद्द कर रही है। पहले ग्राम सचिव, फिर पीजीटी संस्कृत और अब टीजीटी इंग्लिश की भर्ती भी रद्द कर दी। सरकार की अनियमितताओं और पेपर लीक घोटाले का खामियाजा पढ़े-लिखे युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। नौकरी हटाओ नीति के तहत मौजूदा सरकार ने पीटीआई, ड्राइंग टीचर्स और स्पोर्ट्स कोटे के ग्रुप-डी कर्मचारियों को नौकरी से हटाने का काम किया। इसके अलावा अलग-अलग महकमों से लगातार कच्चे कर्मचारियों की छटनी पहले से ही की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की नई खेल नीति पर भी गंभीर सवाल उठाए
उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार ने पूरी दुनिया में सराही गई कांग्रेस सरकार की “पदक लाओ, पद पाओ” नीति को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों से एचसीएस, एपीएस और प्रमोशन का अधिकार छीन लिया गया है। नई नीति के तहत पदक विजेता खिलाड़ी अब जूनियर कोच से उपनिदेशक तक के पदों पर ही नियुक्तियां हासिल कर पाएंगे। नई नीति पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ भेदभाव करती है। पैरा ओलंपियन की नियक्ति को ग्रुप-बी पदों तक सीमित कर दिया गया है। ये उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि नंवबर 2020 में ज़हरीली शराब पीने से 40-50 लोगों की मौत हो गई थी। प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला सामने आया था। एसआईटी ने इसकी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। लेकिन सरकार उसे सार्वजनिक करने को तैयार नहीं है। इसी तरह रजिस्ट्री घोटाले की रिपोर्ट को भी सरकार अलमारी में दबाकर बैठ गई है। सरकार को ये जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करनी चाहिए। अगर रिपोर्ट के तथ्य जनता के सामने आते हैं तो ये सरकार हिल जाएगी। क्योंकि इसमें कई बड़े नामों का खुलासा संभव है।