मंदिरों में पूजा अर्चना के साथ भंडारे आयोजित कि गए शोभा यात्रा भी निकाली गई
इस अवसर पर पूर्व मंत्री कर्णदेव कांबोज ने अपने संबोधन में कहा
कि संत किसी एक समाज के नहीं होते अपितु हर वर्ग, हर समाज उनसे प्रभावित होता है। हमें संतों
के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और आगे बढऩा चाहिए। संत रविदास अपने कर्म को
प्राथमिक महत्व देते थे। उनका मानना था की अगर इन्सान मन से अच्छा है तो उसके हृदय
में ही गंगा का वास है। मौके पर मंडल अध्यक्ष हरपाल काम्बोज, संजीव वर्मा, जगदीश बब्बर, नरेश शर्मा, गुलशन कुमार, राम स्वरूप, पूर्णी देवी, पवन कुमार, वीरेंद्र कुमार, अनिल कुमार, सोमनाथ, विधी चंद, गुरनाम सिंह, मेहर चंद, हरिराम, जयकिशन, सतपाल इत्यादि मौजूद
थे।
आयोजक टीम ने मुख्यातिथि धनपत सैनी व अमनदीप छोटाबांस के स्मृति
चिह्नं व सरोपा भेंटकर सम्मानित किया। धनपत सैनी ने कहा कि संत रविदास सर्व समाज
के सर्वप्रिय है। उनका हर वर्ग सम्मान करता है और उनकी शिक्षाओ से प्ररेणा लेता है
उन्होंने अपनी शिक्षाओ से समाज को मानवता का पाठ पढाया। उनकी शिक्षाएं पूरे विश्व
के लिए हमेशा मार्गदर्शक की भूमिका अदा करती रहेगी। मौके पर प्रधान हरविन्द्र
रादौर, राधेश्याम, अमनदीप छोटाबांस, राजकुमार, रणजीत, सुदेश कुमार, रवि व प्रदीप इत्यादि मौजूद थे।