28 फरवरी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा बड़ा फैसला ले सकता है
उन्होंने बताया
कि इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत तथा
प्रदेश अध्यक्ष चौधरी रतन मान सहित संयुक्त मोर्चा के बड़े किसान नेता इस महापंचायत
को संबोधित करेंगे। महापंचायत को कामयाब बनाने के लिए जिले के संयुक्त मोर्चा के सभी नेता
कमेटियां बनाकर पूरे जिले के दौरा कर रहे हैं और किसानों को महापंचायत में
पहुंचने का न्यौता दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि
किसान आंदोलन को लेकर सरकार के साथ एक महीने से बातचीत न होने पर किसान दिल्ली कूच कर सकते
हैं। जिस पर किसान नेताओं ने खुले मंच पर किसानों से दिल्ली कूच की अपील
करनी शुरू कर दी है। किसानों को ट्रैक्टर तैयार रखने के लिए कहा गया है।
28 फरवरी के बाद संयुक्त किसान मोर्चा बड़ा फैसला लेने को तैयार है। उन्होने
कहा कि अपनी फसल और नस्ल को बचाने के लिए किसानों को लंबा आंदोलन करना
पड़ेगा। उन्होंने सभी किसानों से अपील करते हुए कहा कि 28 फरवरी की महापंचायत में ज्यादा से ज्यादा किसान पहुंचकर
अपनी एकता का परिचय दें, ताकि
आपके आंदोलन को और मजबूती मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिद छोड़ दे और
किसानों की मांगें पूरी करे। एमएसपी पर खरीद गारंटी का कानून बनाए और तीनों
काले कानून वापस ले। जब तक काले कानून वापस नहीं होगे, किसान दिल्ली से वापस नहीं जाएगे।
किसानों ने दिल्ली
में सभी बॉर्डर पर आंदोलन को और मजबूत करने के लिए होने वाली गर्मी की
तैयारियां भी शुरू कर दी। किसानों का दिल्ली जाना लगातार बढ़ रहा है। आज आंदोलन
को तीन महीने से ऊपर हो गए हैं। तीन सौ के लगभग किसान शहीद हो गए हैं।
लेकिन इस तानाशाही, अहंकारी
भाजपा सरकार का किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं है। यह कानून किसान कल्याण के नहीं बल्कि
कारपोरेट घरानों के कल्याण के लिए बने हैं। सरकार की मिलीभगत से अब
कारपोरेट घराने होंगे नये जिमीदार और अन्नदाता कहलाएंगे। किसान बर्बाद हो जाएगा
और किसानों का अनाज इनकी तिजोरी में बंद हो जाएगा।
इस अवसर पर
जयपाल चमरोडी जिला उपाध्यक्ष, उदय सिंह कुंजल प्रधान रादौर, सरदार मनमोहन सिंह औजला रादौर, गुरदयाल सिंह कंबोज, विनोद डांगी कांजनु, सुभाष दहिया, साहबसिंह
खजूरी, पंडित अशोक
शर्मा खजूरी, पवन
गोयल दामला, जगपाल
सिंह पूर्व सरपंच, पवन
खजूरी, सुरेश बुबका,
अशोक नंदपुरा आदि किसान मौजूद थे।