500 वर्षा से हम एक कलंक को अपने सिर पर रखकर जी रहे थे
BY: Ravinder Saini
इस अवसर पर प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने कहा कि 500 वर्षा से हम एक कलंक को अपने सिर पर रखकर जी रहे थे। कलंक था
श्रीराम के देश में ही श्रीराम मंदिर का न होना। लेकिन हमें यह सौभाग्य अब प्राप्त
होने जा रहा है। हम सभी सौभाग्यशाली है जो इस कार्य में हमें अपना योगदान करने का
सौभाग्य प्राप्त हुआ। समर्पण निधि कार्य के दौरान रामभक्तो ने सही मायनो में
श्रीराम के भाव को जिया है। श्रीराम जी को पाने के लिए समर्पण निधि कार्य में लगे
सेवको ने वह कार्य भी किया जिसे वह करने की कभी सोच भी नहीं सकते थे। कुछ ने
रेहड़ी भी चलाई तो कुछ न लोगो के कटाक्ष में सहे।
सभी ने श्रीराम की सेना बनकर कार्य किया। इस दौरान हमें कुछ
खट्टे तो कुछ मीठे अनुभव प्राप्त हुएं। लेकिन खट्टे अनुभवो से हमें हताश होने की
आवश्यकता नहीं है। श्रीराम की कृपा हम सभी पर है। जिस पर कृपा हुई वह अभियान में
साथ जुड़ गया लेकिन जिस पर अभी कृपा होनी बाकी है वह इस अभियान में या तो सहयोग
नहीं कर पाया या फिर मार्ग से भटकने के कारण अपने विचारो को इस कार्य से नहीं मिला
पाया। अभियान के माध्यम से हम हर वर्ग के लोगो के साथ संपर्क कर पाएं। जिससे हमें
समाज की कुरीतियों के बारे भी जानने का मौका मिला। जिसें अब आसानी से दूर किया जा
सकेगा।
मौके पर जिला प्रचारक प्रदीप कुमार, धनपत सैनी, नवीन सैनी, प्रदीप चौधरी, मंगतराम बठला, अखिल कांजनू, आयुष कांबोज, विरेन्द्र सैनी, विनोद कुमार, सुशील बत्तरा, हरपाल बकाना, अशोक बकाना, गगन सैनी, राधेकृष्ण, मोहनलाल इत्यादि मौजूद थे।