हरियाणा में एंट्री करते रात के समय सड़कों पर छाया अंधेरा, नहीं है लाइटिंग की व्यवस्था
शिविर की कमी और पानी का नहीं है बंदोबस्त
POSTED BY : MEHAK
यमुनानगर, डिजिटल डेक्स || शिव भगत हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने मंदिरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। हरिद्वार से चलकर घर पहुंचने तक उन्हें सुविधाएं भी काफी मिल रही है लेकिन बदइंतजामी की जो दास्ता श्रद्धालुओं ने बताई वह प्रशासन की कार्यशाली पर कई सवाल उठाती है।
हरिद्वार से लेकर हरियाणा, हिमाचल, चंडीगढ़, पंजाब में शिव के जयकारों से पूरा शहर गूंज रहा है। शिवरात्रि के दिन मंदिरों में गंगाजल चढ़ाया जाएगा। शिव के भगत हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने गांव लौट रहे हैं।
इस पैदल यात्रा में श्रद्धालुओं ने कई तरह के उतार-चढ़ाव देखे। यूपी में कावड़ियों के लिए की गई व्यवस्था से श्रद्धालु काफी खुश नजर आए। लेकिन जैसे ही यूपी से हरियाणा की तरफ कलानौर बॉर्डर पर दाखिल होते हैं तो यहां परेशानियों का अंबार वह खुद बताते हैं।
कलानौर चौकी के पास रेलवे अंडरपास के नीचे से कांवडिये कंधों पर गंगाजल लेकर मजबूरन गंदे पानी से निकल रहे हैं। आसपास के लोग बताते हैं कि चार श्रद्धालु तो इस गंदे पानी में गिर भी चुके है। अंडरपास के नीचे कीचड़ इतना है की चप्पल तक श्रद्धालुओं की टूट रही है कुछ श्रद्धालु तो पानी से बचकर किनारे चल रहे हैं।
हालांकि यह तस्वीर तब की है जब यमुनानगर में करीब 5 दिन से बारिश नहीं हुई है। लेकिन ये बदइंतज़ामी की तस्वीर प्रशासन के मुंह पर तमाचा है।श्रद्धालु बताते हैं कि यूपी में लाइटिंग और शिविर की व्यवस्था यमुनानगर से काफी बेहतर है।
श्रद्धालुओं को कलानौर बॉर्डर से अग्रसेन चौक तक काफी मुश्किलों भरे सफर से गुजरना पड़ रहा है। क्योंकि सड़क पर लाइट की कोई व्यवस्था नहीं है जिससे उन्हें ना सिर्फ हादसों का डर रहता है बल्कि लूट और चोरी की घटना कब घट जाएगी यह भी उन्हें नहीं पता।
श्रद्धालु आगे बताते हैं कि यमुनानगर जिला में शिविर की संख्या बेहद कम है वो बताते है की हमें तो कावड़ रखने के लिए जगह तक नहीं मिल रही है। कई घंटे पानी नसीब नहीं होता और यह भी मालूम नहीं होता कि हमें आगे किस रास्ते की तरफ बढ़ना है। इतनी अव्यवस्था के बावजूद भी यमुनानगर प्रशासन पुख्ता बंदोबस्त को लेकर पीठ थपथपाता है।
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