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Kurukshetra- पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान रुपी प्रकाश से दूर होंगी पूरे विश्व की समस्याएं : मनोहर

International Geeta Festival, Kurukshetra


City Life Haryanaकुरुक्षेत्र :  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान रुपी प्रकाश से ही पूरे विश्व की शंकाए और समस्याएं दूर होंगी। इस ज्ञान के प्रकाश को अपने जीवन में धारण करने के लिए पवित्र ग्रंथ गीता के उपदेशों को अपनाना होगा। इस पवित्र ग्रंथ गीता के ज्ञान रुपी प्रकाश से ही मानव का डर समाप्त होगा। इन उपदेशों की जन्मस्थली कुरुक्षेत्र को यह गौरव प्राप्त हुआ और इस भूमि से मिले उपदेशों को पूरे विश्व को ज्ञान का प्रकाश मिल रहा है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा 



कि जीओ गीता संस्थान, जिस प्रकार इसका नाम है, उसी के अनुरुप यह संस्थान गीता का संदेश पूरे विश्व को दे रहा है और पवित्र ग्रंथ गीता को पूरे विश्व में प्रचारित करने का काम कर रहा है। श्रीमदभगवद गीता एक ऐसा ग्रंथ है, जिसको केवल सुनने, पढऩे या स्मरण करने से काम नहीं चलता है, बल्कि इस ग्रंथ के सार को जीवन में उतारकर इसका लाभ लिया जा सकता है। पवित्र ग्रंथ गीता का अपना एक आभा मंडल है, इसके आभा मंडल में रहेंगे तो जीवन में कोई भी गलत काम नहीं करेंगे, हमेशा अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी और जीवन शुद्घ होगा।

 महाभारत और ग्रंथ गीता एक ही समय की दो ऐतिहासिक पुस्तके है, लेकिन महाभारत को कोई घर में भी नहीं रखता है और पवित्र ग्रंथ गीता को घर के मंदिर में रखते है, अध्ययन करते है, इसके सार को अपने जीवन में उतारते है। महाभारत से यह पता चलता है कि ठीक व गलत क्या है, सच व झूठ क्या है, उचित-अनुचित क्या है, लेकिन हमें करना क्या चाहिए, कैसे करना चाहिए ये महाभारत में नहीं है, ये सब कुछ पवित्र ग्रंथ गीता में मौजूद है। यह ग्रंथ जीवन जीने का रास्ता दिखाता है, हमें करना क्या है यह तो हम सोच सकते है, लेकिन क्या नहीं करना है ये सिर्फ गीता ज्ञान से पता चलता है। इसलिए जीवन में गीता के ज्ञान को उतारना बहुत जरुरी है।

उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक मनुष्य एक गुफा के अंदर गया, अंदर बहुत अंधेरा था, काफी घूमने के बाद वह रास्ता भटक गया और उसे बाहर आने का रास्ता नहीं मिला तो बैचेन हो गया। तभी संयोग से किसी ने प्रकाश किया और उस प्रकाश की रोशनी में रास्ता दिखा तो वह व्यक्ति गुफा से बाहर आ गया, तो इससे हमें शिक्षा मिलती है कि हमें सबसे पहले प्रकाश ढूंढना चाहिए, जब प्रकाश रुपी ज्ञान मिलेगा तो रास्ता अपने-अपने आप ही मिल जाएगा और सभी समस्याओं का हाल मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर एक प्रकाश, एक ज्ञान, एक तप, एक साधना और एक साहस व निर्भयता भी होनी चाहिए, जीवन में कुछ भी करो निर्भय होकर करो, निर्भय होकर कार्य करने से गलती होने पर रास्ता मिल जाता है। पवित्र ग्रंथ गीता से भी निर्भयता का संदेश मिलता है।


इस ग्रंथ के 16वें अध्याय का पहला श्लोक निर्भयता के बारे में ही है। ज्ञान और योग का तभी लाभ होगा जब निभर्य होकर जाप करेंगे, स्वाध्याय करेंगे तभी समस्याओं का हल होगा। जीओ गीता संग्रहालय और पुस्तकालय इस पावन स्थली पर गीता-ज्ञान की जिज्ञासा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की पिपासा को शांत करने में तो उपयोगी होंगे, इसके साथ-साथ यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने में भी सहायक सिद्घ होंगे। जीओ गीता संस्थान की स्थापना ही गीता के विश्वस्तरीय अध्ययन केन्द्र के रूप में की गई है। यह संग्रहालय व पुस्तकालय इस अध्ययन केन्द्र की नींव का पत्थर साबित होंगे।

उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान संस्थान कुरूक्षेत्र को भारतीय सभ्यता और संस्कृति के प्रमुख केन्द्र के रूप में विकसित करने के विजन को साकार करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। कुरुक्षेत्र की धरा पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भी यह संस्थान अग्रणी भूमिका निभाता ही है, देश से बाहर मॉरीशस व ब्रिटेन में गीता महोत्सव का आयोजन करके गीता के संदेश को विदेशों में भी प्रचारित करने में अहम योगदान दे रहा है। केन्द्र व राज्य सरकार कुरुक्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्घ है और सरकार का प्रयास है कि ब्रज कोसी यात्रा की तर्ज पर 48 कोस कुरुक्षेत्र की भूमि में स्थित तीर्थों की यात्रा शुरु की जाए। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा 48 कोस कुरुक्षेत्र भूमि में स्थित 134 तीर्थों के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण तीर्थों के सर्वेक्षण का कार्य भी करवाया जा रहा है, इन तीर्थों का कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा विकास भी किया जा रहा है। अब 134 तीर्थों के विकास के लिए सरकार बजट बढ़ाने का काम करेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार भगवान श्रीकृष्ण के दो बड़े मंदिर, जिनमें वृंदावन में 65 एकड़ में 800 करोड़ की लागत से और बैंगलोर में 700 करोड़ रुपए की लागत से बनाएगी। इसके साथ ही हरियाणा सरकार भी ज्योतिसर को एक विश्व दर्शनीय स्थल बनाने के लिए 150 करोड़ रुपए की राशि खर्च कर रही है। इस धर्मस्थल कुरुक्षेत्र में बन रहे गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र पर भी 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी हाल में ही पंचकूला के एसपी सिंगला द्वारा संस्थान को दिए गए 51 लाख की सेवा के साथ-साथ अन्य लोगों को अपने सामथ्र्य के अनुसार सेवा करनी चाहिए ताकि समाज का यह संस्थान आगामी 2 सालों में पूरा हो सके।


मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र में गीता संग्रहालय एवं म्यूजियम के प्रारम्भिक चरण का उदघाटन करने के उपरांत बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल, आरएसएस के सह सरकार्यवाह डा. कृष्ण गोपाल, आरएसएस के प्रांत संघचालक पवन ङ्क्षजदल, गुरु शरणानंद महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री रतन लाल कटारिया, हरियाणा के खेलमंत्री संदीप सिंह, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, विधायक रामकरण काला, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव कृष्ण बेदी, हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच, जीओ गीता दिल्ली के उपाध्यक्ष किशोर अग्रवाल, जीओ गीता के उपाध्यक्ष एवं कुलपति डा. मारकंडे आहुजा ने विधिवत रुप से गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र में करीब 5 करोड़ रुपए की लागत से बने गीता संग्रहालय एवं म्यूजियम के प्रारम्भिक चरण का उदघाटन किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री मनोहर लाल व सभी मेहमानों ने गीता संग्रहालय एवं म्यूजियम का अवलोकन किया और इस म्यूजियम में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरुप को देखकर गदगद हो गए। इस संग्रहालय के अध्यात्मिक पहलूओं के बारे में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद और म्यूजियम के बारे में डीवाईसीए के निदेशक डा. महासिंह पूनिया ने मेहमानों को विस्तार से

इस मौके पर विधायक रामकरण काला, विधायक लीला राम गुर्जर, विधायक असीम गोयल, विधायक रणधीर गोलन, विधायक हरविन्द्र कल्याण, विधायक प्रमोद विज, विधायक संजय सिंह, विधायक दीपक मंगला, विधायक कमल गुप्ता, अंजू भाटिया, जीओ गीता दिल्ली के उपाध्यक्ष किशोर अग्रवाल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, एसीएस राजीव अरोड़ा, उपायुक्त मुकुल कुमार, पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, कुलपति डा. सोमनाथ सचदेवा, कुलपति डा. बलदेव धीमान, कुलसचिव डा. संजीव शर्मा, केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा, केडीबी सदस्य विजय नरुला, उपेन्द्र सिंघल, राजेश शांडिल्य, महेन्द्र सिंगला, हंसराज सिंगला, सुशील राणा, डा. सुचि स्मिता, स्वामी तरुण दास, स्वामी विकास दास, करनाल की मेयर रेणू बाला, अम्बाला की मेयर शक्ति रानी, बृज गुप्ता, भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष आत्म प्रकाश मनचंदा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर मिर्जापुर, सतीश गुप्ता, पूर्व मंत्री विनोद शर्मा, पूर्व चेयरमैन भाणी राम मंगला, महेश अग्रवाल, एचएस बेदी, संदीप अग्रवाल, जगदीश अग्रवाल, डा. सुदर्शन चुघ आदि उपस्थित थे। 

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