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Kurukshetra- 48 कोस के तीर्थों के जीर्णोद्घार

InternationalGeetaFestival-Kurukshetra


City Life Haryanaकुरुक्षेत्र :  गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कुरुक्षेत्र की धरा को नमन करते हुए कहा कि कोविड-19 के कारण पूरा विश्व प्रभावित हुआ लेकिन भारत ही एक ऐसा देश था जो महामारी के दौरान भी सुरक्षित स्थिति में रहा। यह तभी सम्भव हो पाया क्योंकि भारत आस्था पर टिका हुआ है। इस गीता ज्ञान संस्थानम केन्द्र की 4 मार्च 2016 को आधारशिला रखी गई थी, अब इसका स्वरुप नजर आने लगा है।

महाभारत की इस भूमि कुरुक्षेत्र में युद्घ के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए और यह उपदेश आज पूरे विश्व को ज्ञान का प्रकाश दे रहे है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि शांति के मार्ग पर चलने के लिए पवित्र ग्रंथ के उपदेशों के मार्ग पर चलना होगा। इतना ही नहीं विदेशी चिंतकों ने भी पवित्र गंरथ गीता को विश्व शांति का आधार माना है। इसलिए गीता विश्व के लिए एक अनुपम उपहार है।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिस भी देश में जाते है, वहां पर गीता ग्रंथ का ही उपहार देते है। उन्होंने कहा कि ज्योतिसर को एक भव्य स्वरुप देने का कार्य मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के प्रयासों ही 48 कोस के तीर्थों के जीर्णोद्घार का कार्य किया जा रहा है। इस कड़ी में ही गीता ज्ञान संस्थानम में ही स्वास्थ्य और गीता के उपदेशों पर शोध करने, म्यूजियम में गीता के स्वरुपों को दिखाने तथा स्वतंत्रता सैनानियों और महान लोगों के विचारों को समाज के समक्ष रखने जैसे कार्यों को अमलीजामा पहनाने का काम शुरु किया गया है।

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