*हाथी पुनर्वास केंद्र बण संतौर में सर्दी की डाइट बंद
*हाथियों की दोनों मौसम में डाइट अलग-अलग होती है
*हाथियों के शरीर में पानी के लेवल को सही बनाए रखता है
*देखभाल के लिए पांच महावत भी नियुक्त किए हुए
गर्मी का मौसम
दस्तक दे चुकी है ऐसे में चौधरी सुरेंद्र सिंह
हाथी पुनर्वास केंद्र बण संतोर में रह रहे हाथियों की सर्दी की डाइट गुड बाजरा बंद
कर गर्मी में दी जाने वाली तरबूज, खरबूजा, केला, खीरा, गोभी शुरू कर दिया है।
केंद्र में हथिनियों के नहाने के लिए पक्के कुंड बनवाए हुए हैं। जिसमें गर्मी के
मौसम में हथिनी पानी से भरे कुंड में अठखेलियां करती नजर आती है।
हाथी पुनर्वास
केंद्र में रह रही हाथियों की गर्मी में सर्दी दोनों मौसम में डाइट अलग-अलग होती
है। सर्दी के मौसम में हाथियों को गर्म चीजें दी जाती हैं। जिसमें गुड बाजरा
मूंगफली आदि सब गर्म चीजें दी जाती है। जिससे कि सर्दी के मौसम में हाथियों के ऊपर
ठंड का कोई प्रभाव नहीं पडे। सर्दी के मौसम में हाथियों को इम्यूनिटी सिस्टम
बढ़ाने के लिए स्पेशल काढ़ा भी दिया जाता है जोकि अदरक दालचीनी आदि से बनाया जाता
है।
हाथी पुनर्वास
केंद्र में हाथियों के नहाने के लिए विशेष तौर पर इंतजाम किए हुए हैं। हाथियों के
लिए पक्के कुंड बनाए हुए हैं। जिनमें गर्मी के सीजन में रोजाना ताजा पानी भरा जाता
है और हाथी जी भर कर पानी में अठखेलियां कर कर अपनी गर्मी दूर करते हैं। बण संतोर
हाथी पुनर्वास केंद्र में 5 मादा हाथी हैं।
जिन की देखभाल के लिए पांच महावत भी नियुक्त किए हुए हैं। प्रत्येक महावत अपने
हाथी के साथ सुबह से शाम तक उनकी डाइट नहाना आदि कार्य करवाते हैं।
-कलेसर रेंज के जंगलों का इतिहास काफी पुराना है..
वर्ष 1820 से पहले यह वन बिलासपुर की रानी और फिरोजाबाद की संयुक्त जायदाद हुआ करती थी।
वर्ष 1820 में बिलासपुर की रानी की मृत्यु के बाद सरकार
ने आधे जंगल को अपने कब्जे में ले लिया था। वर्ष 1863 में इस क्षेत्र
की निशानदेही की गई। इस वन के लिए सबसे पहले कार्य योजना वर्ष 1892 में तत्कालीन डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फोरेस्ट, पंजाब द्वारा 10 साल के लिए तैयार किया गया था। इस कार्य योजना के तहत इस वन को दो भागों मे
विभाजित किया गया था। एक भाग 2,638
एकड़ का था और दूसरा भाग 8,931 एकड़ का जिसे लिटिल साल के नाम से जाना जाने लगा।