किसानों ने विरोध का निकाला नया फार्मूला, अम्बेडकर जयंती पर आगे दलित पीछे रहेंगे किसान, करेंगे विरोध
मुख्यमंत्री के आने से एक दिन पहले रोहतक में हुई दलित पंचायत, किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने की शिरकत
11 अप्रैल को रोहतक आ रहे है मुख्यमंत्री, पीजीआई के एससी विंग द्वारा आयोजित अम्बेडकर जयंती के कार्यक्रम में करेंगे शिरकत
3 अप्रैल को पुलिस और किसानों के बीच झड़प से प्रसाशन ने लिया सबक, किसानों के विरोध के डर से 6 जगह बनाई हैलीपेड, गुप्त रखी जानकारी
किसान नेताओ का ऐलान, 14 अप्रैल को दो जगह होगा नेताओ का विरोध, सोनीपत के राई में मुख्यमंत्री व कैथल में दुष्यंत चौटाला का होगा विरोध
जहा 3 अप्रैल को रोहतक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विरोध में पुलिस और किसानों के बीच झड़प के बाद करीब दर्जन भर किसानों को लगी चोट के बाद जहा प्रसाशन ने सबक लेते हुए एक या दो जगह नही बल्कि 6 जगह हैलीपेड बनाए है। वही किसान भी बैकफुट पर नजर आए है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के रोहतक दौरे से एक दिन पहले बड़े स्तर पर दलित पंचायत हुई जिसमें फैसला लिया गया कि अम्बेडकर जयंती पर किसान नही बल्कि दलित ही मुख्यमंत्री का विरोध करेंगे । इसके पीछे किसान नेताओ का तर्क है कि भाजपा नेता जानबूझ कर दलित और पिछड़े वर्ग के कार्यक्रमो में शिरकत कर रहे है ताकि किसानों और दूसरे समुदाय के लोगो के बीच संघर्ष बढ़ जाए । किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी आज दलित पंचायत पंचायत में रोहतक पहुँचे थे।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हम बाबा भीमराव अंबेडकर का सम्मान करते हैं इसलिए उनके कार्यक्रमों में विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि कल मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी किसान विरोध नहीं करेंगे जबकि दलित समाज के लोग इसका विरोध करेंगे और किसान इनके पीछे रहेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला का विरोध किसान जरूर करेंगे । गौरतलब है कि 14 अप्रैल को सोनीपत के राई में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ओर कैथल में दुष्यंत चौटाला अम्बेडकर जयंती में शिरकत करेंगे जहाँ पर किसान विरोध करेंगे