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Chandigarh- राज्यपाल ने अपने ही जीवन पर लिखित ‘‘राजगीर से राजभवन’’ नामक पुस्तक का विमोचन किया

पुस्तकें युवा पीढ़ी को पठन-पाठन और गहन अध्ययन की ओर एकाग्र करती है

वर्तमान में यह और भी प्रासंगिक है कि युवा पीढ़ी पुस्तकों से जुड़ कर अध्ययन व अनुसन्धान का कार्य करे

कुरूक्षेत्र के लेखक गुरप्रीत सिंह द्वारा लिखी गई है और पुस्तक ‘‘बुक्स क्लीनिक प्रकाशन’’ द्वारा प्रकाशित की गई है



City Life Haryanaचंडीगढ:  हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने राजभवन में अपने ही जीवन पर लिखित ‘‘राजगीर से राजभवन’’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। यह पुस्तक कुरूक्षेत्र के लेखक गुरप्रीत सिंह द्वारा लिखी गई है और पुस्तक ‘‘बुक्स क्लीनिक प्रकाशन’’ द्वारा प्रकाशित की गई है।

आर्य ने लेखक को शुभकामनाएं दी और कहा कि एक पुस्तक व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक और प्रेरणादायी दृष्टिकोण अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिक अदा करती है। इसके साथ-साथ पुस्तकें युवा पीढ़ी को पठन-पाठन और गहन अध्ययन की ओर एकाग्र करती है। वर्तमान में यह और भी प्रासंगिक है कि युवा पीढ़ी पुस्तकों से जुड़ कर अध्ययन व अनुसन्धान का कार्य करे।


लेखक ने ‘‘राजगीर से राजभवन’’ नामक पुस्तक में राज्यपाल आर्य के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालकर युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणदायी संदेश देने का प्रयास किया है। पुस्तक लेखक गुरप्रीत सिंह ने बताया कि उनका पुस्तक लिखने का लक्ष्य मानव सेवा के उजाले में सर्वजन हिताय-सर्वजन सुखाय के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करना भी रहा है।

पुस्तक में दर्शाया गया है कि राज्यपाल आर्य बिहार की राजनीति के पुरोधा रहे हैं। उनके राजनीतिक जीवन में किए गए विकास कार्यों का भी पुस्तक में समावेश किया गया है। आर्य ने सादगी भरा जीवन जीने के साथ-साथ गरीब व दबे कुचले लोगों में शिक्षा के प्रचार-प्रसार का काम किया है। इस पर भी लेखक ने लेखनी का सटीक प्रयोग कर युवा पीढ़ी के लिए एक सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया है। पुस्तक को हरियाणा में हुए विभिन्न कार्यक्रमों के चित्रों से भी सजाया गया है। चित्रों, संवादों व लेखों से स्पष्ट झलक दिखती है कि राज्यपाल आर्य ने प्रदेश के विकास में गहन रूचि दिखाई है। 



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