Haryana government will provide construction material at reasonable rates to the public, it will also curtail illegal mining activities, said quoting mines and geology minister Mool Chand Sharma.
आज यहां जारी एक
बयान में मूलचंद शर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख
दिया है और एक दौर तो ऐसा भी आया जब अपने-आपको महाशक्ति कहने वाले देश भी
इसके सामने लाचार नजर आए। ऐसे में इस महामारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया
है और खनन गतिविधियों पर भी इसका असर पडऩा लाजमी है। लेकिन गत वर्ष लॉकडाउन
के चलते 26 दिनों
तक खनन कार्य पूरी तरह से बंद रहने के बावजूद 1022.63 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना अपने-आप में बहुत
बड़ी बात है। उन्होंने बताया कि विभाग के इतिहास में यह पहला मौका है, जब माइनिंग कार्यों से राजस्व ने 1000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। वर्ष
2019-20 के दौरान खनन कार्यों से 702.25
करोड़ रुपये जबकि 2018-19 के दौरान 583.21 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ था।
खान एवं
भूविज्ञान मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रदेश में आमजन के लिए उच्च
उचित दामों पर निर्माण सामग्री सुनिश्चित करने के साथ-साथ अवैध खनन पर भी रोक
लगाना है। सरकार ने अवैध खनन को शून्य स्तर पर लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।
ताकि सरकारी खजाने को होने वाली राजस्व की हानि को रोका जा सके। उन्होंने बताया
कि विभाग में हरेक स्तर पर निगरानी और सर्वोलांस सिस्टम को बढ़ाया गया है। सरकार
के स्तर पर लम्बित अपीलों के निपटान में तेजी लाई गई है। इसके अलावा ठेकेदारों व
पट्टाधारकों की तरफ बकाया राशि की वसूली पर फोकस किया गया है।
मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए 55 पुलिस अधिकारियों और विभाग के कर्मचारियों को मिलकर स्पेशल इंफोर्सेंट टीम (एस ई टी) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि खनिजों की ढुलाई के लिए ई-रवाना प्रणाली अवैध खनन पर तथा ढुलाई पर अंकुश लगाने में काफी हद तक कारगर साबित हो रही है। खनिज निकलने और इसकी प्रोसेसिंग करने वाली इकाइयों को भी इस प्रणाली के साथ जोड़ा गया है। इसके अलावा खनिज से भरे वाहनों का पंजीकरण अवश्य कर दिया गया है। अब सिर्फ वाहन की लोडिंग कैपेसिटी के हिसाब से ही खनिज लोड किया जाएगा, जिससे वाहनों की ओवरलोडिंड पर रोक लगेगी।
उन्होंने बताया
कि कोविड-19 महामारी और केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण खनन
क्षेत्र में आई कठिनाइयों को समझते हुए, राज्य सरकार ने 25 मार्च, 2020 से 19
अप्रैल, 2020 तक की अवधि के लिए कॉन्टैक्ट मनी/डेड रेंट तथा
पुनर्वास और पुनस्थापन (आर एंड आर) निधि के लिए देय राशि को माफ करने का निर्णय
लिया है। इसका लाभ उन मिनरल कन्सेशन होल्डर्स
को होगा, जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान खदानों का संचालन किया था।
मूलचंद शर्मा ने
कहा कि रिवरबेड खनन ठेकेदारों का अनुबंधित क्षेत्र के भीतर औसत मासिक उत्पादन का तीन
गुणा तक खनिज स्टॉक करने की अनुमति दी गई है। यह सीमा पहले औसत मासिक उत्पादन से
दुगनी थी। उन्होंने कहा कि सरकार नदी के किनारे के क्षेत्रों में भूमि मालिकों को
मुआवजे की राशि के अग्रिम निर्धारण के लिए व्यवहार्यता की जांच करेगी। हालांकि
पंचायती जमीन के मामले में उपरोक्त राशि वार्षिक डेड रेट कॉन्टैक्ट मनी का 10 प्रतिशत
होगा।