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Kurukshetra- दोस्तों के सहयोग और आशावादी सोच से एलएनजेपी के चिकित्सक दम्पति ने दी कोरोना को शिकस्त

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सक डा. कृष्ण दत्त और पत्नी डा. अभिलाषा कोरोना को हराकर अस्पताल से हुए डिस्चार्ज, कोरोना की जंग जीतने के लिए हौंसले की भी है जरुरत


City Life Haryanaकुरुक्षेत्र:  एलएनजेपी अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के आंकड़ों को एक सूत्र में पिरोने वाले चिकित्सक डा. कृष्ण दत्त खुद भी कोरोना की चपेट में आ गए। इस चिकित्सक के साथ-साथ उनकी धर्मपत्नी डा. अभिलाषा भी कोरोना से संक्रमित हो गई। 

इनमें डा. कृष्ण दत्त घर में आईसोलेट रहे और धर्मपत्नी अभिलाषा को पंचकूला के अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा। ऐसे कठिन समय में दोस्तों का सहयोग, परमात्मा का आर्शीवाद और आशावादी सोच से ही कोरोना की जंग जीतने में सफलता हासिल की, यह कहना है डा. कृष्ण दत्त का।

एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना बुलेटिन और अन्य रिपोर्ट तैयार करने के नोडल अधिकारी डा. कृष्ण दत्त कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गए और उनकी धर्मपत्नी अभिलाषा भी कोरोना से संक्रमित हो गई। एकाएक कोरोना से संक्रमित होने के बाद डा. कृष्ण दत्त ने खुद को घर में आईसोलेट किया और उनकी धर्मपत्नी अभिलाषा की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण पंचकूला के एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा। 

इस दौर में कुरुक्षेत्र के सिविल सर्जन ने उनका उत्साहवर्धन किया और हर सम्भव सहयोग भी दिया। सिविल सर्जन ने हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि मनुष्य की सुरक्षा करना हमारा सबसे प्रथम कर्तव्य है, इसलिए इस कर्तव्य में किसी प्रकार की चूक नहीं होनी चाहिए। इसके लिए एडवाईज के लिए वे हमेशा सीएमओ के आभारी रहेंगे।


उन्होंने कहा कि जब पत्नी को पंचकूला के अस्पताल में लेकर जाना था, तब मैनेजर प्रवीण ने बिना किसी देरी के एम्बलैंस सहायता उपलब करवाई, जिसके चलते समय पर अस्पताल में पहुंचे और उनकी पत्नी का इलाज सम्भव हो पाया। एक तरफ वे स्वयं घर में आईसोलेट थे और दूसरी तरफ पत्नी पंचकूला अस्पताल में दाखिल थी। ऐसे कठिन समय में डा. यशपाल, डा. सौरव कौशल व होम आईसोलेशन की टीमों के सहयोग को भी कभी भूला नहीं पाएंगे। 

उन्होंने कहा कि उनकी धर्मपत्नी डा. अभिलाषा ने बुलंद हौंसलों के कारण ही कोविड की जंग जीती और 11 दिन के बाद पंचकूला अस्पताल से डिस्चार्ज होकर कुरुक्षेत्र घर पहुंची है। उन्होंने कहा कि कोरोनो के संक्रमण से बचने के लिए कोविड गाईडलाईंस की सख्ती से पालना करना जरुरी है, अगर संक्रमण हो जाता है तो आशावादी सोच के साथ कोरोना को हराया भी जा सकता है। 

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