कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से मेरा पानी, मेरी विरासत योजना का लाभ लेने की अंतिम तिथि अब 15 जुलाई कर दी गई है। जिसके तहत अब वह किसान जो इस योजना के लिए आवेदन करने से वंचित रह गए थे वह भी अब इसका लाभ ले सकेंगे। 25 जून को इसकी अंतिम तिथि थी, लेकिन इससे पहले ही योजना की अंतिम तारीख बढ़ा दी गई है। यह जानकारी देते हुए खंड कृषि अधिकारी मौजी कंबोज ने बताया कि मेरा पानी मेरीरी विरासत योजना का मुख्य उद्देश्य धान के रकबे को कम कर अधिक से अधिक पानी की बचत करना है। ताकि किसान ऐसी फसलों की ओर अपना रुख कर सके जिसमें पानी की खपत कम होती है।
- यह है योजना
farmers will be provided Rs. 7,000 per acre
to those farmers who will diversify more than 50% of their kharif season
(2019-20) paddy area. Also, farmers will not be allowed to cultivate paddy in
any new areas where paddy was not grown the preceding year.
एडीओ मोजी कंबोज ने बताया कि इस योजना के लिए आवेदन करने वाले उन किसानों को 7000 रुपए प्रति एकड़ सरकार की ओर से सहयोग राशि दी जाएगी, जिन किसानों ने गत वर्ष धान की फसल लगाई थी। लेकिन इस बार वह धान की जगह मूंग, मक्का हरा चारा के अलावा दलहन व तिलहन की फसलें लगाएगा। इसके लिए किसान को मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा। जिसमें उसे संबंधित खेत का किला नंबर भी देना होगा।अब किसान 15 जुलाई तक इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- गत वर्ष केवल धान लगाने वाले किसानों को मिलेगा लाभ
एडीओ मोजी कंबोज
ने बताया कि इस योजना का लाभ किसान केवल उस खेत के लिए ले सकता है जिस खेत में गत
वर्ष उसने धान की फसल लगाई थी। जिन किसानों ने धान की जगह कोई अन्य फसल लगाई थी, वह किसान उस खेत में इस योजना का लाभ नहीं ले
सकता।इसके लिए किसान को किला नंबर बदलना होगा। जिसकी वेरिफिकेशन भी की जाएगी।
- डार्क जोन में
है एरिया लेकिन किसान योजना में नहीं दिखा रहे रुचि
सरकार व कृषि विभाग अधिक पानी की खपत वाली फसलों को कम करने पर जोर दे रहा है। इसके अलावा परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती की ओर भी वह किसानों का रुख करना चाहता है। जिसके लिए इस प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। रादौर क्षेत्र डार्क जोन में है। यहां पानी का जलस्तर तेजी से कम हो रहा है। ऐसे में मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ देकर सरकार इस गिरते जलस्तर को काबू करने का प्रयास कर रही है, लेकिन क्षेत्र के अगर स्थिति पर ध्यान दिया जाए तो किसानों में इसकी अधिक रूचि दिखाई नहीं दे रही है। किसान धान की फसल के प्रति अधिक रुचि दिखा रहा है। क्षेत्र में किसान लगातार धान की रोपाई करने में लगा हुआ है। अब तक 70% से अधिक खेतों में धान की रोपाई भी हो चुकी है। ऐसे में योजना किसानों को अपनी ओर लुभाती नहीं दिखाई दे रही है।