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Radaur- नौकरी दिलाने की आड़ में ठगी, ठग लिएं सात लाख रुपये

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक भाई बहन को क्लर्क व हेड क्लर्क की नौकरी लगवाने के नाम पर एक महिला सहित 4 लोगों ने सात लाख रुपये ठग लिएं। आरोप है कि जब उन्होंने अपने पैसे वापिस मांगे तो उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई.


रादौर NEWS कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक भाई बहन को क्लर्क व हेड क्लर्क की नौकरी लगवाने के नाम पर एक महिला सहित 4 लोगों ने सात लाख रुपये ठग लिएं। आरोप है कि जब उन्होंने अपने पैसे वापिस मांगे तो उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने आरोपितो के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

गांव गुमथला राव निवासी दीपचंद ने थाना जठलाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि जगाधरी के खजूरी गांव के सुशील कुमार से उसकी पुरानी जान पहचान थी। एक दिन सुशील ने उन्हें बताया कि उसे राजनीति से जुड़े कुछ लोगों से अच्छी जान पहचान है। नेता व अधिकारी उनकी बात मानते हैं। यदि वह कहे तो वह उसके बेटे जितेंद्र व बेटी प्रतिभा रानी को कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी कुरुक्षेत्र में क्लर्क व हेड क्लर्क के पद पर नौकरी लगवा देगा। तब सुशील ने उसे फ्रेंडस कालोनी जगाधरी निवासी आरती संधू व उसके भाई सोनू संधू से मिलवाया। उनके साथ जसवंत कालोनी का गगनदेव भारती भी वहां मौजूद था। 

तीनों ने उसे बताया कि दोनों बच्चों को नौकरी लगाने पर 23 लाख रुपये खर्च आएगा। जून 2018 में उसे खजूरी में बुलाया गया जहां पर उससे बच्चों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र व फोटोग्राफ लिए गए। कुछ दिन बाद उसने सात लाख रुपये आरोपितों को दे दिए। उसने कहा कि जब उसके बच्चे ज्वाइन कर लेंगे तो वह बाकी रकम भी उन्हें दे देगा। इसके बाद चारों ने जितेंद्र व प्रतिभा रानी के नाम से केयूके में 28 जनवरी 2019 तक नौकरी ज्वाइन करने के दो लेटर भी दिए। दोनों बच्चे ज्वाइनिंग करने यूनिवर्सिटी में गए तो उन्हें अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की न तो कोई नौकरी यूनिवर्सिटी में निकली है और न ही उन्हें लेटर जारी किया गया है। इस बारे में आरोपितों से बात की तो वह कहने लगे कि इस भर्ती पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। स्टे हटते ही बच्चों को नौकरी लगवा देंगे। 

जब नौकरी नहीं मिली तो उसने आरती संधू ने उससे कहा कि यूनिवर्सिटी में काम नहीं बन रहा है। इसलिए वह उसके बच्चों को दूसरी जगह चेतना ग्रामीण इंप्रूवमेंट एंड इंप्लायमेंट विभाग में नौकरी दिलवा देंगे। परंतु इस पर सात लाख रुपये ओर खर्च आएगा। इसके बाद वह बच्चों को कभी चंडीगढ़ के सेक्टर-17-सी में चेतना ग्रामीण इंप्रूवमेंट एंड इंप्लायमेंट कार्यालय में तो कभी पानीपत लेकर गए। परंतु बच्चों की नौकरी नहीं लगी। दीपचंद ने कहा कि जब उसने रुपये वापस मांगे तो उसे तीन लाख रुपये का चेक 30 सितंबर 2020 को बैंक में लगाने के लिए दिया। परंतु खाते में पर्याप्त राशि न होने से चेक डिसआनर हो गया। इसके बाद रुपये मांगने पर उसे धमकियां मिलने लगी।

थाना जठलाना प्रभारी धर्मपाल सिंह का कहना है कि शिकायत मिलते ही पुलिस ने केस दर्ज कर लिया था। इस मामले की जांच इकोनोमिक सेल को सौंप दी है। 

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